Assassination of Ismail Haniyeh:  तेहरान में हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हनियेह की हत्या ने पूरे विश्व को चौंका दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि इस हत्या के बाद इजरायल और ईरान में सीधी लड़ाई भी छिड़ सकती है. हालांकि इजरायल ने इस हत्या की सीधी जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन हमास और ईरान ने उसे ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने कहा है कि हनियेह की हत्या का बदला लेना तेहरान का फर्ज है.


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इजरायल पर आरोप लगता रहा है कि उसने ईरान समेत कई देशों अपने दुश्मनों की हत्याएं करवाई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अपनी 2018 की किताब "राइज़ एंड किल फ़र्स्ट" में, इजरायली पत्रकार रोनेन बर्गमैन ने जहरीले टूथपेस्ट, रिमोट-कंट्रोल बम वाले स्पेयर टायर और फटने वाले फोन से जुड़े 2,700 से ज़्यादा ऐसे ऑपरेशनों की डिटेल दी है.


बर्गमैन ने का दावा है कि इजरायल ने लंबे समय तक फ़िलिस्तीनी नेता रहे यासर अराफ़ात को ज़हर दिया, जिसका यहूदी राष्ट्र खंडन करता है. तेहरान ने इजरायल पर ईरान के अंदर कई हत्याओं का आरोप लगाया है.


ईरान के परमाणु वैज्ञानिक
नवंबर 2020 में, ईरान के परमाणु हथियार प्रोग्राम के एक प्रमुख शख्स माने जाने वाले वैज्ञानिक मोहसेन फखरीजादेह हत्या कर दी गई. यह रिमोट-नियंत्रित मशीन गन से किया गया था.  रिपोर्ट के मुताबिक फखरीजादेह वर्षों से इजरायली खुफिया एजेंसियों के टॉप टारगेट्स में से एक थे. वह परमाणु कार्यक्रम से जुड़े पहले वैज्ञानिक नहीं थे जिन पर ईरानी धरती पर हमला किया गया था. 2010 में तेहरान के अलग-अलग इलाकों में 20 मिनट के अंतराल पर दो अन्य को कार बम से निशाना बनाया गया था. एक की मौत हो गई, दूसरा घायल हो गया.


रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ऑफिसर
मई 2022 में, मोटरसाइकिल पर सवार दो हत्यारों ने कर्नल सयाद खोदेई की गोली मारकर हत्या कर दी. ईरान ने इसके लिए इजरायल को दोषी ठहराया, जिसने हत्या पर कोई टिप्पणी नहीं की. हालांकि इजरायल ने अमेरिका को बताया कि उसने अधिकारी को निशाना बनाया था. इजरायली अधिकारियों ने कहा कि खोदेई एक ऐसी यूनिट का डिप्टी कमांडर था जो हत्याओं और अपहरणों सहित दुनिया भर में गुप्त अभियानों की योजना बनाता और उन्हें अंजाम देता था. यूनिट 840 नामक यह समूह कुद्स फोर्स का हिस्सा था, जो जासूसी में माहिर है. 2020 में इराक में एक अमेरिकी ड्रोन हमले में कुद्स फोर्स के नेता कासिम सुलेमानी की मौत हो गई.


रहस्यमयी जहर
2022 में, दो ईरानी वैज्ञानिक अचानक बीमार पड़ गए और कुछ ही दिनों के भीतर सैकड़ों मील दूर के शहरों में उनकी मृत्यु हो गई. ईरान का मानना ​​था कि इजरायल ने उनके भोजन में जहर मिला दिया है.