अफ्रीका के एकदम उत्‍तर में ट्यूनीशिया देश बसा है. इस देश में आजकल पानी के संकट को लेकर लोगों को बहुत समस्‍याएं उठानी पड़ रही हैं. इसकी गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कृषि मंत्रालय का कहना है कि बांध का जलस्‍तर एकदम दयनीय यानी निचले स्‍तर पर पहुंच गया है. ये स्‍तर घटकर खतरनाक 25 फीसद तक पहुंच गया है. इसको यदि ट्यूनिशिया के लिहाज से देखें तो ये कहना उचित होगा कि उसके पास पानी का भंडार बस 25 फीसद ही रह गया है. 


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सरकार का इस बारे में कहना है कि ट्यूनीशिया लगातार सूखे से जूझ रहा है, जिसके कारण पानी के वितरण में कोटा प्रणाली लागू की गई है. इस कारण ट्यूनीशिया के कई हिस्सों में पानी और बिजली की भारी कमी देखने को मिल रही है. इसके चलते लोगों में सरकार को लेकर काफी नाराजगी है. 


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बिगड़ते हालात के बीच ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति कैस सईद ने प्रधानमंत्री अहमद हचानी को बर्खास्त कर दिया है. ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने बुधवार देर रात एक बयान में इसकी जानकारी दी. राष्ट्रपति कार्यालय बयान में कहा है कि राष्ट्रपति सईद ने सामाजिक मामलों के मंत्री कामेल मद्दौरी को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। हालांकि, अहमद हचानी को हटाए जाने के पीछे का उन्होंने कोई कारण नहीं बताया है. लेकिन हचानी की बर्खास्‍तगी को मौजूदा बिजली और पानी संकट से जोड़कर देखा जा रहा है. 


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ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति कैस सईद ने पिछले साल ही अगस्त में अहमद हचानी को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया था. उन्होंने नजला बौडेन की जगह ली थी जिनका कार्यकाल पिछले साल समाप्त हो गया था. बर्खास्त होने से कुछ घंटे पहले अहमद हचानी ने एक वीडियो संदेश जारी किया था. उन्होंने कहा था कि सरकार ने वैश्विक चुनौतियों के बावजूद कई मुद्दों पर प्रगति की है, जिसमें देश की खाद्य और ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना शामिल है. इसको देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि हचानी को भी अंतिम समय तक पता नहीं था कि उनको पद से हटाया जाने वाला है. 


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जानकारों के मुताबिक उनको हटाकर राष्‍ट्रपति कैस सईद ने अपनी इमेज बचाने की कोशिश की है. दरअसल इसी साल अक्‍टूबर में वहां राष्‍ट्रपति चुनाव होने जा रहे हैं और सईद ने अपनी उम्‍मीदवारी का ऐलान कर दिया है. कैस सईद पानी की कटौती को राष्‍ट्रपति चुनाव से पहले की जा रही एक साजिश मानते हैं.