North Korea-South Korea Tensions: उत्तर कोरिया में K-पॉप देखने के आरोप में दो टीएनजर को 12 साल की कड़ी मेहनत की सजा दी गई. एक संगठन द्वारा जारी किए गए वीडियो फुटेज में 16-साल के दो लड़कों को सार्वजनिक रूप से सजा सुनाए जाते हुए दिखाया गया. दोनों पर दक्षिण कोरियाई फिल्में और मूज्यिक वीडियो देखने का आरोप था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रॉयटर्स के मुताबिक साउथ और नॉर्थ डेवलपमेंट (SAND) संस्थान द्वारा फुटेज को जारी किया हालांकि इसे स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका.


2020 में बना कड़ा कानून
उत्तर कोरिया में 2020 में 'प्रतिक्रिया-विरोधी विचार' कानून लागू हुआ जिसके बाद से देश में, दक्षिण कोरियाई मनोरंजन कार्यक्रमों को देखना बैन कर दिया गया.


SAND ने क्या कहा?
SAND के अध्यक्ष डॉक्टर चोई क्योंग-हुई ने कहा, 'सख्त सजा को देखते हुए, ऐसा लगता है कि इसका मकसद पूरे उत्तर कोरिया में लोगों को चेतावनी देना है.'  2001 में उत्तर कोरिया से बाहर चले गए कांग ने कहा, 'लेकिन इससे यह पता चलता है कि दक्षिण कोरियाई संस्कृति उत्तर कोरियाई समाज में प्रचलित है.'


कांग ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह वीडियो 2022 के आसपास एडिट किया गया... (उत्तर कोरियाई नेता) किम जोंग उन के लिए परेशानी की बात यह है कि मिलेनियल्स और Gen Z युवाओं ने अपने सोचने का तरीका बदल दिया है.'


क्या है वीडियो फुटेज में?
रॉयटर की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरियाई अधिकारियों द्वारा बनाए गए वीडियो में एक बड़े पब्लिक ट्रायल को दिखाया गया है. ग्रे स्क्रब पहने दो स्टूडेंट्स को हथकड़ी लगाई गई है, जबकि एक एम्फीथिएटर में लगभग 1,000 छात्र उन्हें देख रहे हैं. दो 16-साल के बच्चों सहित सभी स्टूडेंट्स ने फेस मास्क पहने हुए हैं, जिससे पता चलता है कि फुटेज को कोविड ​​महामारी के दौरान शूट किया गया था.


वीडियो के अनुसार, स्टूडेंट्स को तीन महीने तक दक्षिण कोरियाई फिल्में,  संगीत और म्यूजिक वीडियो देखने और फैलाने का दोषी ठहराए जाने के बाद सजा सुनाई गई.


वीडियो में सुनाई देता हू कि ‘वे विदेशी संस्कृति से बहक गए थे... और उन्होंने अपना जीवन बर्बाद कर लिया.’


उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया, 1950-53 के संघर्ष के युद्धविराम में समाप्त होने के बाद तकनीकी रूप से अभी भी युद्ध में है. दोनों देशों के संबंधों में भारी तनाव है.