Bangladesh Interim Government News:  बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने शुक्रवार को नवनियुक्त सलाहकार परिषद के विभागों की घोषणा की. उन्होंने रक्षा सहित 27 मंत्रालयों का प्रभार अपने पास रखा. बता दें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित 84 वर्षीय यूनुस ने गुरुवार अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली थी. उन्होंने शेख हसीना की जगह ली है. हसीना ने नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ हुए जबर्दस्त विरोध प्रदर्शनों के बाद अचानक इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर भारत चली गई थीं.


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यूनुस ने मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली, जो प्रधानमंत्री के समकक्ष पद है. सलाहकारों का चयन छात्र नेताओं, सेना और नागरिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के परामर्श से किया गया.


एक आधिकारिक घोषणा के अनुसार, यूनुस ने रक्षा, लोक प्रशासन, शिक्षा, ऊर्जा, खाद्य, जल संसाधन और सूचना मंत्रालय सहित 27 विभागों का प्रभार अपने पास रखा है. पूर्व विदेश सचिव मोहम्मद तौहीद हुसैन को विदेश मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है. हुसैन 2001 से 2005 तक कोलकाता में बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त थे और 2006 से 2009 तक बांग्लादेश के विदेश सचिव रहे.


सेना के रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल एम सखावत हुसैन को गृह मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया. बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर सलाहुद्दीन अहमद वित्त और योजना मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालेंगे, जबकि पूर्व अटॉर्नी जनरल ए एफ हसन आरिफ स्थानीय सरकार मंत्रालय का प्रभार संभालेंगे.


दो स्टूडेंट्स लीडर को मिले ये मंत्रालय
अंतरिम मंत्रिमंडल में शामिल किए गए ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के दो लीडर एम नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद के लिए भी विभागों का आवंटन किया गया. इस ग्रुप ने पिछले महीने सरकारी नौकरियों के लिए आरक्षण प्रणाली में सुधार के लिए सबसे पहले सड़क पर आंदोलन चलाया, जो बाद में एक सार्वजनिक विद्रोह में तब्दील हो गया. इस विद्रोह ने हसीना के 15 साल के शासन का अंत कर अंतरिम सरकार स्थापित की, जिसे सेना का स्पष्ट समर्थन प्राप्त था. इस्लाम को दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी व महमूद को युवा एवं खेल मंत्रालयों का प्रभार दिया गया.


कौन हैं नाहिद इस्लाम?
नाहिद इस्लाम छात्र आंदोलन के एक प्रमुख चेहरा हैं. नाहिद नूरुल हक नूर के नेतृत्व में छात्र अधिकार परिषद के अलग हुए सदस्यों द्वारा गठित गणोतांत्रिक छात्र शक्ति के सदस्य सचिव भी हैं.


पिछले महीने कथित तौर पर कानूनी एजेंसियों ने उन्हें उठा लिया और तब तक प्रताड़ित किया जब तक कि वे बेहोश नहीं हो गए. जब ​​छात्र विरोध चरम पर था, तो उन्हें पांच अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस की जासूसी शाखा ने फिर से हिरासत में ले लिया.


2018 में, नाहिद ने कोटा-सुधार विरोध प्रदर्शन में भाग लिया, जिसने देश को हिलाकर रख दिया. उस समय, उन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षकों से धमकियां मिलीं.


2019 में, उन्होंने बांग्लादेश साधारण छात्र अधिकार छात्र संघ परिषद के बैनर तले नूरुल-राशेद-फारुक पैनल से ढाका विश्वविद्यालय केंद्रीय छात्र संघ में सांस्कृतिक सचिव पद के लिए चुनाव लड़ा.


वे चुनाव हार गए और बाद में परिषद से अलग हो गए.


आसिफ महमूद
आसिफ महमूद शोजिब भुइयां कोटा सुधार विरोध के समन्वयकों में से एक हैं, जो बाद में सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया, जिसने अंततः शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार को गिरा दिया. वह 2018 में कोटा सुधार विरोध के दौरान सक्रिय थे. उन्हें 2023 में छात्र अधिकार परिषद के पहले सम्मेलन में अध्यक्ष चुना गया था.


Photo courtesy: The Daily Star