बीजिंग: यूक्रेन (Ukraine) को लेकर दुनिया की टेंशन और बढ़ने के आसार हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने साफ कर दिया है कि नाटो (NATO) को अपना विस्तार करने से बचना चाहिए. चीन की राजधानी बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह के मौके पर शुक्रवार को दोनों नेताओं के शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इसे चीन-रूस के मजबूत होते रिश्तों की दिशा में एक और कदम के रूप में देखा जा रहा है.  


Russia के साथ है China  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंध, अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक सुरक्षा और स्थिरता से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की. दरअसल, अमेरिका चाहता है कि यूक्रेन NATO का हिस्सा बने, लेकिन रूस को इस पर आपत्ति है. अब चीन ने भी उसकी हां में हां मिलाकर बता दिया है कि यदि यूक्रेन NATO में शामिल होता है तो तनाव बढ़ेगा.


ये भी पढ़ें -मामूली नहीं, 2 करोड़ से ज्यादा का है ये सिक्का, एक साथ हजारों लोग बना सकते हैं अपना; जानें कैसे?


दोनों देशों ने किया ये आह्वान


CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, ‘रूस और चीन नाटो के विस्तार का विरोध करते हैं और उत्तरी अटलांटिक गठबंधन से अपने वैचारिक शीत युद्ध के दृष्टिकोण को छोड़ने, अन्य देशों की संप्रभुता, सुरक्षा और हितों का सम्मान करने, उनकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की विविधता का सम्मान करने का आह्वान करते हैं’.  


एकजुटता का किया प्रदर्शन 


एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यूक्रेन विवाद के बीच चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने बीजिंग में मुलाकात करके एकजुटता का प्रदर्शन किया है. पुतिन विंटर ओलंपिक में हिस्‍सा लेने के लिए बीजिंग पहुंचे हैं. इस दौरान पुतिन ने चीन के साथ नजदीकी संबंधों की जमकर तारीफ की. पुतिन ने टीवी पर दिए अपने भाषण में कहा कि रूस का चीन के साथ संबंध अप्रत्‍याशित प्रकृति का है. इससे पहले चीन ने यूक्रेन मुद्दे पर खुलकर रूस का साथ दिया था. यही नहीं उसने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के समर्थन में वोट भी दिया था.