UNSC Reform Latest Updates: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनने की भारत की कोशिशों का बुधवार को दुनिया के कई शक्तिशाली देशों ने एक बार फिर समर्थन किया. ब्रिटेन, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात ने कहा कि UNSC का परमानेंट मेंबर बनने के भारत के प्रयास का पूरी तरह समर्थन करते हैं. दुनिया को बहुधुव्रीय बनाने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है. इससे पहले अमेरिका और रूस ने भी भारत को परिषद का स्थाई सदस्य बनाए जाने के समर्थन में अपना बयान दिया था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दिसंबर में भारत फिर बना UNSC का अध्यक्ष


दुनिया के पावरफुल देशों के भारत के समर्थन में बयान देने की पहल ऐसे समय में हो रही है, जब भारत ने 1 दिसंबर से फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता संभाल ली है. भारत इस पूरे महीने परिषद का अध्यक्ष रहेगा. इस महीने के खत्म होते ही अस्थाई सदस्य के रूप में भारत का परिषद में 2 वर्षीय कार्यकाल भी खत्म हो जाएगा. रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन की बढ़ रही आक्रामकता से परेशान दुनिया के देशों की भारत से उम्मीद बढ़ती जा रही है. जिसके चलते उसके प्रति वैश्विक समर्थन में लगातार इजाफा होता जा रहा है. 


भारत की स्थाई सदस्यता पर बढ़ा समर्थन


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बुधवार को हुई बैठक में UAE की मंत्री नोरा बिंत मोहम्मद अल काबी ने कहा कि उनका देश सिक्योरिटी काउंसिल में सुधार और भारत की स्थाई सदस्य बनने की इच्छा का समर्थन करता है. मीटिंग में मौजूद ब्रिटेन और फ्रांस के प्रतिनिधियों ने अपने देश की ओर से इसी तरह के बयान दिए और भारत को UNSC का परमानेंट मेंबर बनाने का सपोर्ट किया. 


डॉ. जयशंकर ने देशों का जताया आभार


न्यूयार्क में परिषद की अध्यक्षता कर रहे भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने इस समर्थन के लिए सदस्यों का आभार व्यक्त किया. जयशंकर ने कहा कि सुरक्षा परिषद को समृद्ध करने में लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, एशिया और छोटे द्वीपीय देशों का भी अहम योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि सुरक्षा परिषद जैसे वैश्विक संस्थानों में सुधार की प्रक्रिया शुरू की जाए, जिससे यह ज्यादा पारदर्शी, जिम्मेदार और मजबूत बन सके. 


डॉ जयशंकर ने आतंकवाद के मसले पर दुनिया को एकजुट होने का आह्वान किया. जयशंकर ने कहा कि मल्टीलेट्रल प्लेटफॉर्म पर भी कुछ देश आतंकवाद को जस्टिफाई और आतंकियों को बचाने की कोशिश करते हैं. हमें एकजुट होकर ऐसे तत्वों की पहचान और उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए आगे आना होगा. 


चीन लगातार अटका रहा है रोड़े


उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने 'संकट के इस क्षण को बहुपक्षवाद के क्षण में बदलने' का सही आह्वान किया है. लेकिन हमें इस क्षण में परिवर्तन की उस भावना को पकड़ना चाहिए, और अतीत का कैदी नहीं रहना चाहिए. यह बहस इस बात को निर्धारित करने में मदद करेगी कि हम किस प्रकार का संयुक्त राष्ट्र देखना चाहते हैं. 


बताते चलें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनने के लिए भारत लंबे समय से अभियान चला रहा है लेकिन अब तक उसे कामयाबी नहीं मिल पाई है. संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के मुताबिक जब तक परिषद के पांचों स्थाई सदस्य सुधार और खास देशों को परमानेंट मेंबर बनाने के लिए राजी नहीं होते, तब तक किसी भी देश को स्थाई सदस्य नहीं बनाया जा सकता. भारत के प्रयासों में इस वक्त चीन ही सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ है. जबकि बाकी चारों परमामनेंट मेंबर उसके समर्थन में कई बार बयान दे चुके हैं. 


(इनपुट एएनआई)


(पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं)