न्यूयार्क: दो अमेरिकी संग्रहालयों में प्रदर्शित भारत से चुरायी गयीं हजारों डॉलर की दो प्राचीन मूर्तियां अमेरिका ने भारत को लौटा दी हैं. पहली मूर्ति ‘लिंगोधभवमूर्ति’ 12 वीं सदी की है. भगवान शिव की ग्रेनाइट से निर्मित यह ऐतिहासिक मूर्ति चोल काल की है. फिलहाल इसकी कीमत 225,000 डॉलर आंकी गयी है.  इसे तमिलनाडु से चुराया गया था और अलबामा के बर्मिंघम संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया था. दूसरी मूर्ति बोधिसत्व ‘मंजूश्री’ की मूर्ति है.  उसके हाथ में तलवार है और मूर्ति सोने के रंग में रंगी है.  12 वीं सदी की यह फिलाइट मूर्ति 1980 के दशक में बिहार में बोधगया के समीप के एक मंदिर से चुराई गयी थी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इसका वर्तमान दाम करीब 275,000 डॉलर आंका गया है.  इसे उत्तरी कैरोलीना विश्वविद्यालय के आकलैंड आर्ट संग्रहालय से हासिल किया गया है. ये मूर्तियां मंगलवार को न्यूयार्क में वाणिज्य दूतावास में एक कार्यक्रम में भारत के महावाणिज्य दूत संदीप चक्रवर्ती को मैनहट्टन जिला आर्टनी साइरस वेंस जूनियर ने सौंपीं. चक्रवर्ती ने इस प्रयास की सराहना की है.