अमेरिका ने उत्तर कोरिया के सरकार द्वारा चलाए जाने वाले एनीमेशन स्टूडियो को सामग्री सहायता उपलब्ध कराने, उसके लिए कार्य करने या उसके स्वामित्व में शामिल होने के कारण एक भारतीय नागरिक सहित दो व्यक्तियों और सात संस्थाओं पर बैन लगा दिया है. आरोप है कि इन्होंने अपने कर्मचारियों को कम मजदूरी पर काम करने के लिए कहा.


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अमेरिका ने बताया कि उसकी तरफ से ये कार्रवाई दुनियाभर में मानव अधिकारों के गलत इस्तेमाल और भ्रष्टाचार के खिलाफ जवाबदेही तय कर करने के उसके प्रयासों के मद्देनजर की गई है.


अमेरिका के विदेश विभाग ने बताया कि अमेरिका ने डीपीआरके (डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया) सरकार द्वारा चलाए जाने वाले एनिमेशन स्टूडियो ‘एसईके स्टूडियो’ की ओर से काम करने, उसे मदद प्रदान करने के लिए 2 लोगों और 7 संस्थाओं पर बैन लगा दिया है.


चीन की कंपनी पर भी बैन
अमेरिका ने फ्रांस में रहने वाले किम म्यांग चोल और भारत के सुभाष जाधव पर बैन लगा दिया है. इसके अलावा जिन संस्थाओं पर बैन लगाया गया है उसमें हांगकांग की एवरलास्टिंग एम्पायर लिमिटेड, तिआन फेंग (हांगकांग) होल्डिंग लिमिटेड, चीन की फुजियान नान इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट कंपनी, रूसी संघ की लिमिटेड लायएबिलिटी कंपनी काइनोटिस, सिंगापुर की फनसागा पी लिमिटेड, चीन की यांगचेंग थ्री लाइन वन प्वाइंट एनिमेशन को लिमिटेड और क्वांझू यियांगजिन इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट ट्रेड को लिमिटेड शामिल है.


अमेरिका के वित्त विभाग ने बताया कि जाधव फनसागा पीटीई लिमिटेड के डायरेक्टर हैं और उन्होंने क्वांझोउ यियांग्जिन इम्पोर्ट एंड एक्सपोर्ट ट्रेड कंपनी लिमिटेड और यानचेंग थ्री लाइन वन पॉइंट एनिमेशन कंपनी लिमिटेड को भुगतान प्रदान करते हुए एक एनीमेशन परियोजना का निर्माण करने के लिए एसईके के साथ एक करार किया था.


ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने कहा, जाधव, फनसागा पीटीई लिमिटेड और किनोआटिस एलएलसी ने एसईके को मटिरियल के रूप में, स्पॉन्सरशिप के रूप में, या पैसे, मटिरियल व तकनीकी रूप से मदद पहुंचाई. 


 


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