India-Canada-US: भारत और कनाडा मिलकर जांच करते, लेकिन... निज्जर हत्याकांड और बिश्नोई गैंग पर अमेरिका की क्या है मंशा?
India Canada Relations: भारत कनाडा संबंध के बेहतर हालात के बीच पिछले साल सितंबर में समस्याओं की शुरुआत हो गई. तब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि उन्हें `विश्वसनीय` जानकारी मिली कि कनाडाई नागरिक और खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में दिल्ली के `एजेंट` शामिल थे. इसके बारे में भारत का कहना था कि उसे कभी यह जानकारी नहीं दी गई.
India Canada Diplomatic Row: अमेरिका ने भारत से पिछले साल जून में वैंकूवर में खालिस्तानी आतंकवादी और कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के "एजेंटों" को शामिल करने वाले "बेहद गंभीर आरोपों" की कनाडा की जांच में सहयोग करने की अपील की है. वाशिंगटन, डी.सी. में मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेस में विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि कनाडा के आरोपों को "गंभीरता से लेने की जरूरत है."
दिल्ली- ओटावा संकट के 'दूसरे दौर' पर अमेरिका ने जताई ये मंशा
दिल्ली-ओटावा संकट के 'दूसरे दौर' पर एक अमेरिकी रिपोर्टर के सवाल के जवाब में मैथ्यू मिलर ने कहा, "जहां तक कनाडा के मामले का सवाल है, हमने स्पष्ट कर दिया है कि आरोप बेहद गंभीर हैं. हम चाहते थे कि भारत सरकार कनाडा के साथ सहयोग करे... जाहिर है कि उन्होंने वह रास्ता नहीं चुना है." पिछले साल सितंबर में विवाद शुरू होने के बाद से अमेरिका ने भी मंगलवार को बयान देने में संयम बरता और दोनों देशों के बीच जांच में सहयोग की जरूरत पर जोर दिया.
मिलर ने कहा- भारत और कनाडा से सहयोग का आग्रह करते रहेंगे
मिलर ने कहा, "दोनों देशों ने सार्वजनिक रूप से जो कहा है, उसके अलावा मेरे पास कोई और टिप्पणी नहीं है. हमने उनसे सहयोग करने का आग्रह किया है और ऐसा करने के लिए उनसे आग्रह करते रहेंगे." नई दिल्ली ने अभी तक इन बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन बार-बार ओटावा के 'बेतुके' और 'प्रेरित' आरोपों को खारिज किया है. दिल्ली ने बार-बार सबूत मांगे हैं और यह भी बताया है कि अगले साल के आम चुनाव से पहले जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता कम होने के कारण ये आरोप लगाए गए हैं.
भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती का भी मैथ्यू मिलर ने किया जिक्र
इस बीच, मैथ्यू मिलर ने भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा, "भारत एक अविश्वसनीय रूप से मजबूत साझेदार बना हुआ है. हमने उनके साथ कई मामलों पर काम किया है, जिसमें एक स्वतंत्र, खुले और समृद्ध इंडो-पैसिफिक के लिए हमारा साझा दृष्टिकोण भी शामिल है. जब हमें कोई चिंता होती है, तो हम उन चिंताओं को उनके पास ले जा सकते हैं और खुलकर बातचीत कर सकते हैं..."
पिछले 18 महीनों से लगातार चल रहा भारत-कनाडा राजनयिक संकट
पिछले 18 महीनों से लगातार चल रहा भारत-कनाडा राजनयिक संकट पिछले साल सितंबर में तब भड़क उठा था, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दिल्ली के "एजेंटों" पर खालिस्तानी आतंकी और कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था. उन्होंने दावा किया कि "विश्वसनीय जानकारी" अमेरिका सहित खुफिया साझेदारों के साथ साझा की गई थी. हालांकि, भारत ने कहा है कि आरोपों का समर्थन करने के लिए उसके पास सबूत नहीं हैं.
सितंबर, 2023 के तनाव के बाद फिर से दोनों देशों के संबंधों में खटास
सितंबर, 2023 में लगाए गए आरोपों के कारण तनाव पैदा हो गया था, जिसमें भारतीय पक्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया और राजनयिकों को निष्कासित करना शामिल था. इस सप्ताह रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने फिर से कहा कि भारत सरकार के "एजेंटों" ने संगठित आपराधिक तत्वों, विशेष रूप से लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के साथ मिलकर "(कनाडा के) दक्षिण एशियाई समुदाय... विशेष रूप से खालिस्तानी समर्थक तत्वों" को निशाना बनाया था. इसके बाद दोनों देशों के संबंधों में और खटास आ गई.
जस्टिन ट्रूडो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैनेडियन पुलिस के आरोपों को दोहराया
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस के आरोपों का समर्थन किया और "एक मौलिक गलती" की आलोचना की. उन्होंने कहा कि भारत को लगता है कि वह "कनाडा की धरती पर कनाडाई लोगों के खिलाफ आपराधिक गतिविधि का समर्थन कर सकता है." ट्रूडो ने कहा, "चाहे हत्या हो या जबरन वसूली या अन्य हिंसक कृत्य, यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है." उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके प्रशासन ने दिल्ली के साथ "हमारी चिंताओं को साझा किया है."
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कनाडाई पुलिस के दावों के चलते दोनों पक्षों में कड़वाहट का दूसरा दौर
ट्रूडो ने कहा कि कनाडाई पुलिस ने भारतीय सरकारी अधिकारियों से बात की थी, लेकिन उन्हें नकार दिया गया. कनाडाई संघीय पुलिस के दावों के चलते दोनों पक्षों से राजनयिकों को निष्कासित करने का एक और दौर शुरू हुआ. इस बार ओटावा ने भारत के उच्चायुक्त, कैरियर राजनयिक संजय कुमार वर्मा को चल रही आपराधिक जांच में 'दिलचस्पी लेने वाले व्यक्ति' के रूप में नामित किया और उन्हें हटा दिया. कनाडा की इस हरकत से भारत ने स्वाभाविक रूप से अपने गुस्से का इजहार किया.
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भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी की लिस्ट में शामिल था हरदीप निज्जर
भारत ने कनाडा के कार्यवाहक उच्चायुक्त, स्टीवर्ट व्हीलर और उनके पांच कर्मचारियों को निष्कासित करके और सुरक्षा चिंताओं के कारण श्री वर्मा और उनके कर्मचारियों को औपचारिक रूप से वापस बुलाकर जवाबी कार्रवाई की. प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स का मास्टरमाइंड निज्जर पंजाब में हिंदू पुजारी की हत्या सहित कई अपराधों के लिए नई दिल्ली की 'मोस्ट वांटेड' आतंकवादियों की लिस्ट में था. आतंकवाद विरोधी एजेंसी एनआईए ने उसे पकड़ने के लिए सूचना देने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने की पेशकश की थी.