What is Artificial Intelligence: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई अब इंसानी जिंदगी के हर पहलू को छू रहा है. प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में मददगार होने के साथ-साथ अब AI अब बड़े रोल में भी आ गया है. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने एक AI डिप्लोमैट लॉन्च किया है. यानी कूटनीति की दुनिया में भी अब AI पहुंच गया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

न्यूयॉर्क के न्यूज आउटलेट बैरन की रिपोर्ट के मुताबिक, मिनिस्ट्री ने कहा कि यह पहली बार होगा जब वह अपने बयानों को पढ़ने के लिए डिजिटल प्रवक्ता विक्टोरिया शी का इस्तेमाल करेगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बयान इंसान ही लिखेंगे. सोशल मीडिया पर एक वीडियो में शी ब्लैक सूट में नजर आईं और उन्होंने अपना नाम विक्टोरिया शी और खुद को डिजिटल प्रवक्ता बताया. वीडियो में विक्टोरिया बात करते हुए अपना सिर और हाथ भी हिलाते हुए दिख रही हैं.



AI प्रवक्ता को इसलिए बनाया गया है ताकि वह पहले से तैयार मंत्रालय के बयानों को पढ़ सकें और इसके लिए AI के जरिए उनका एक अवतार बनाया गया है. दिलचस्प बात है कि एआई राजनयिक का लहजा और आवाज यूक्रेनी गायिका और टीवी सेलिब्रिटी रोजाली नोम्ब्रे जैसी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक नोम्ब्रे ने इस कवायद में बिना कोई पैसा लिए हिस्सा लिया. मंत्रालय ने दावा किया कि शी और नोम्ब्रे दो अलग-अलग लोग हैं और केवल एआई राजनयिक ही आधिकारिक बयान देता है.


डीपफेक से बचने के लिए उठाया ये कदम


इतना ही नहीं, मंत्रालय ने डीपफेक जैसे खतरों से बचने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. विक्टोरिया के हर बयान में एक QR कोड होगा, जो मंत्रालय की वेबसाइट और लिखे हुए वर्जन से लिंक होगा.


शी जो भी बयान पढ़ेंगी, उसे लेकर विदेश मंत्रालय ने एएफपी को बताया कि उसे इंसान की लिखेंगे और वेरिफाई करेंगे. मंत्रालय ने कहा कि सिर्फ विजुअल हिस्सा ही AI जनरेटेड है. उनका दावा है कि हम उस टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ गए, जिसमें अब तक दुनिया की डिप्लोमैटिक सर्विस नहीं कर पाई.  शी को द गेम चेंजर्स नाम की एक टीम ने बनाया है, जिसने पहले यूक्रेन में जंग से जुड़ा कंटेंट बनाया था.  शी को बनाने के पीछे मकसद राजनयिकों के लिए समय और संसाधनों की बचत करना है. 


बाकी देशों के लिए प्रेरणा


एआई डिप्लोमैट को लाना एक बड़ा कदम है क्योंकि सरकार का टेक्नोलॉजी को अपनाना बाकी देशों को भी इसे लेकर प्रेरित करेगा. 


हालांकि एआई-जनरेटेड डिप्लोमैट अभी केवल झांकी है. वो दिन दूर नहीं जब विदेश नीति पर ट्रेंड एआई डिप्लोमैट्स और भी ज्यादा अहम कामों और कम्युनिकेशन को संभालेंगे.