Ukraine-Russia War: यूक्रेन और रूस के युद्ध को कुछ ही महीनों बाद 2 साल हो जाएंगे. दोनों पक्ष में से कोई भी झुकने को तैयार नहीं है. युद्ध में रूस और यूक्रेन दोनों को भयंकर नुकसान पहुंचा है. इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की अमेरिका से और ज्यादा मदद पाने के लिए गुरुवार को एक दिन के लिए वॉशिंगटन पहुंचे. लेकिन उन्हें इस बार रिपब्लिकन सांसदों के सवालों का सामना करना पड़ेगा, जो 19 महीने से रूस के साथ जारी युद्ध के लिए दी जा रही मदद पर सवाल उठा रहे हैं.


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 जेलेंस्की सीनेट और प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव) के रिपब्लिकन एवं डेमोक्रेटिक नेताओं से निजी तौर पर बातचीत करने के लिए यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद) पहुंचे हैं. वह व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात करेंगे और पेंटागन में अमेरिकी सैन्य अधिकारियों से चर्चा करेंगे.


युद्ध पर जेलेंस्की से पूछे जाएंगे तीखे सवाल


हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में अल्पमत के नेता हकीम जेफरीज ने कैपिटल में जेलेंस्की की अगवानी की. निचले सदन में रिपब्लिकन नेता ने कहा था कि वह जेलेंस्की से यूक्रेन युद्ध को लेकर कड़े सवाल पूछेंगे और उन्होंने कैमरा के सामने राष्ट्रपति का अभिवादन नहीं किया. पिछले साल रूस की तरफ से यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद जेलेंस्की की अमेरिका की यह दूसरी यात्रा है. यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब बाइडेन ने कांग्रेस से यूक्रेन की सैन्य और मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिए 24 अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त मदद का अनुरोध किया है.


यूक्रेन के कई शहरों पर रूस के ताबड़तोड़ हमले


वहीं दूसरी ओर रूस ने गुरुवार को मिसाइल और तोप से यूक्रेन के पूर्व से लेकर पश्चिम तक के शहरों पर हमला किया जिससे कई स्थानों पर आग लग गई और कम से कम दो लोग मारे गए. कई अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका है. रूस ने ये हमले ऐसे समय में किए गए हैं जब पोलैंड ने व्यापार विवाद के चलते हथियारों की सप्लाई रोक दी है. रूस ने गुरुवार तड़के अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के मौके पर एक महीने के सबसे बड़े हमले को अंजाम दिया. मिसाइल से ये हमले ऐसे समय में किए गए जब न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा का सलाना सम्मेलन शुरू हुआ है, जहां पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस को आंतकवादी राष्ट्र करार दिया.


 जेलेंस्की ने अपने भाषण में 'यूक्रेन के शांति फॉर्मूले' को सामने रखा.  यूक्रेन के प्रमुख समर्थकों में से एक पोलैंड ने कहा कि वह अपने हथियारों की सप्लाई पड़ोसी देश को करने पर रोक लगा रहा है क्योंकि वह खुद अपनी सेना का आधुनिकीकरण कर रहा है. लेकिन उसने इनकार किया कि इस फैसले का संबंध यूक्रेन से अनाज के आयात पर अस्थायी रोक को लेकर पैदा विवाद से है. पोलैंड के प्रधानमंत्री माटुस्ज़ मोराविएकी ने कहा कि इस फैसले से उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) और अमेरिका द्वारा पोलैंड के रास्ते हथियारों की होने वाली आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी।