Water Crisis in Los Angeles: आज पूरी दुनिया के लिए ग्लोबल वॉर्मिंग एक बड़ी चुनौती है. हर देश इससे किसी न किसी रूप में प्रभावित हो रहा है. ये ग्लोबल वॉर्मिंग का ही असर है कि कैलिफोर्निया और संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिमी तट पर कई साल से सूखे की समस्या हो रही है. साइंटिस्ट भी इस बात को मान चुके हैं कि मानव गतिविधियों, विशेष रूप से जीवाश्म ईंधन के अप्रतिबंधित उपयोग के कारण ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रहा है और इसकी वजह से सूखा बढ़ रहा है. खतरे को देखते हुए लॉस एंजिल्स में अधिकारियों ने लॉन सिंचाई को सिर्फ 8 मिनट तक सीमित करने और हफ्ते में दो बार तक सीमित करने जैसे जल प्रतिबंध लागू किए हैं. इस नियम को तोड़ने वालों पर 200 से 600 डॉलर तक का जुर्माना लगाया जाता है. जल विभाग के अनुसार, अगर पिछले साल के जून की तुलना इस साल जून से करें तो काफी सुधार आया है.


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पानी की बर्बादी रोकने के लिए अलग टीम


लॉस एंजिल्स में रहने वाले डेमन अयाला उन्हीं लोगों में से एक हैं जिन्होंने इस समस्या को गंभीरता से लिया है और हालात को कंट्रोल करने के लिए जी जान से जुटे हैं. वह लॉस एंजिल्स की सड़कों पर गश्त करते है. जल और बिजली विभाग की टीम का सदस्य होने के नाते, वह हर हफ्ते पानी की बर्बादी को लेकर आई सैकड़ों शिकायतों की जांच करते हैं. अधिकारियों ने घरेलू पानी की मांग में कमी देखी है, लेकिन जैसे-जैसे सूखा बढ़ रहा है शहर के परिदृश्य में और अधिक महत्वपूर्ण बदलाव की आवश्यकता महसूस हो रही है.


बदल रहा लॉन गार्डनिंग का कॉन्सेप्ट                             


सूखे की वजह से बरती जा रही सख्ती का असर अब लॉस एंजिल्स के घरों में भी दिखने लगा है. पहले लॉन में जहां तरह-तरह के पेड़-पौधे नजर आते थे. उसी लॉस एंजिल्स में अब अधिकतर घरों के लॉन में अब ताड़ के पेड़ों (पाम ट्री) नजर आने लगे हैं. इसकी वजह ये है कि पाम ट्री को नाम मात्र के पानी की जरूरत होती है. शहरी लैंडस्केपिंग कंपनी G3 गार्डन ग्रुप की कार्यकारी निदेशक पामेला बर्स्टलर कहती हैं, "जब हम सोचते हैं कि घरों की सजावट में कितना पानी उपयोग किया जाता है, तो यह 50 प्रतिशत से अधिक निकलता है. अब खतरे को देखते हुए वह लोगों को लॉन ग्रीनरी के लिए दूसरे विकल्पों के बारे में बताती हैं, जिसमें पानी की जरूरत नहीं है."


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