Israel-Hamas War: इजरायल (Israel) ने आतंकी संगठन हमास (Hamas) से बदला लेने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इजरायल की ग्राउंड फोर्सेज और एयरफोर्स ने गाजा पट्टी (Gaza Patti) को चारों तरफ से घेर लिया. यही नहीं इजरायल डिफेंस फोर्सेज की रिजर्व टुकड़ियों को भी ऑपरेशन आयरन स्वॉर्ड्स के लिए सीमाई इलाकों में तैनात कर दिया गया. जबकि गाजा पट्टी के रास्ते इजरायल में घुसे हमास आतंकियों के सफाए के लिए सैनिक ने मोर्चा संभाल लिया. जानकारी के मुताबिक, इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने गाजा पट्टी के पास मौजूद स्डेरोट पुलिस स्टेशन को हमास आतंकियों के कब्जे से मुक्त करा लिया. जानकारी के मुताबिक, अब तक युद्ध में 1200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन ये युद्ध हो क्यों रहा है और इजरायल, फिलिस्तीन और हमास के बीच युद्ध की जड़ क्या है, आइए इसके बारे में जानते हैं.


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इजरायल-फिलिस्तीन-हमास में विवाद क्यों?


इजरायल और फिलिस्तीन का विवाद करीब 100 साल पुराना है और आज जो हमास इजरायल के लिए सिरदर्द बना है, उसे बनाने का आरोप भी इजरायल पर ही है. दरअसल विवाद की वजह फिलिस्तीन का वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी, गोलन हाइट्स सहित पूर्वी यरुशलम पर दावा जताना है. लेकिन इजरायल, यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं है. वहीं, गाजा पट्टी पर फिलहाल हमास का कब्जा है, जो इजराइल और मिस्र के बीच में है. 1948 में इजरायल बनने के बाद भी फिलिस्तीन से उसका संघर्ष हर स्तर पर जारी रहा.


हमास वाली सबसे बड़ी वाली गलती?


जान लें कि इजराइल जब डिप्लोमैटिक लेवल पर फिलिस्तीन के सामने कमजोर पड़ा तो 1970 के दशक में उसने फिलिस्तीन के एक कट्टरपंथी संगठन को उदारवादी फिलिस्तीन नेताओं के विरोध में खड़ा कर दिया. इसे ही हमास नाम दिया गया जिसे अब इजरायल आतंकी संगठन मानता है. हालांकि हमास की औपचारिक स्थापना 1987 में हुई और बाद में इजराइल के पूर्व जनरल यित्जाक सेजेव ने इसे ऐतिहासिक गलती बताया.



हमास क्यों है खतरनाक?


गौरतलब है कि हमास ने फिलिस्तीन के उदारवादी नेतृत्व को धीरे-धीरे किनारे कर खुद फिलीस्तीन आंदोलन को अपने हाथ में ले लिया. इसके सदस्य आम लोगों की भीड़ में शामिल होकर इजरायली सैनिकों पर हमले करते हैं. हालांकि, इजराइल की ताकत के चलते हर बार झड़प में हमास को ही नुकसान होता रहा है.