Luna 25 Crash Site:  रूस के लूना-25 लूनर प्रोब के चंद्रमा पर क्रैश होने के लगभग दो सप्ताह बाद, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक इमजे जारी की है जो मिशन के संभावित दुर्घटनास्थल को दिखाती है. नासा ने गुरुवार (31 अगस्त) को एक बयान जारी कर कहा कि उसके तेज-तर्रार चंद्र टोही ऑर्बिटर (एलआरओ) ने संभवतः पिछले सप्ताह क्रैश साइट का पता लगा लिया.


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नासा ने कहा कि रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस द्वारा प्रदान किए गए अनुमानित इंपैक्ट साइट डाटा (Impact Site Data) का इस्तेमाल करते हुए, एलआरओ के हैंडलर्स लूना -25 की क्रैश साइट की तलाश में गए थे.


24 अगस्त को ली गई तस्वीर
लूनर रिकोनाइसेंस ऑर्बिटर कैमरा (एलआरओसी) का उपयोग करते हुए, टीम 24 अगस्त को संदिग्ध दुर्घटना स्थल की छवि लेने में कामयाब रही. एलआरओसी ने उसी क्षेत्र की पिछली तस्वीर जून 2022 में ली थी. दोनों तस्वीरों की तुलना करने पर पहले और बाद की फोटो में चंद्रमा पर एक चमकीला, ताजा गड्ढा दिखाई दिया जो पिछले 14 महीनों में विकसित हुआ था.


नासा ने गड्ढा को लेकर क्या कहा?
नासा ने अपने बयान में कहा, 'चूंकि यह नया गड्ढा लूना-25 के अनुमानित इंपैक्ट बिंदु के करीब है, इसलिए एलआरओ टीम ने निष्कर्ष निकाला है कि प्राकृतिक प्रभाव की जगह,  मिशन इसके बनने की वजह हो सकता है. एजेंसी के अनुसार, नया गड्ढा लगभग 10 मीटर व्यास का है और यह 57.865 डिग्री दक्षिण अक्षांश और 61.360 डिग्री पूर्वी देशांतर पर लगभग शून्य से 360 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.


बता दें जून 2009 में लॉन्च होने के बाद से एलआरओ का प्रबंधन ग्रीनबेल्ट, मैरीलैंड में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर द्वारा किया जाता है.


लूना-25 का क्या हुआ?
लूना-25, लगभग 50 वर्षों में पहला रूसी चंद्रमा मिशन था. यह 19 अगस्त को अनियंत्रित कक्षा में घूमने के बाद चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया.


नमूने एकत्र करने और मिट्टी का विश्लेषण करने जैसे महत्वपूर्ण वैज्ञानिक कार्य करने के लिए चंद्र जांच के पूरे एक वर्ष तक चंद्रमा की सतह पर रहने की उम्मीद थी. लैंडर पर आठ अलग-अलग विज्ञान उपकरण थे.


लूना-25 को 10 अगस्त को रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र में वोस्तोचन कोस्मोड्रोम से लॉन्च किया गया था.