इस्लामाबाद: पाकिस्तान के एक अखबार ने हाफिज सईद और मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को लेकर नवाज शरीफ सरकार और पाकिस्तानी आर्मी को कटघरे में ला खड़ा किया है। पाकिस्तान के अखबार द नेशन ने सरकार और पाक सेना से पूछा है कि जमात-उद-दावा का मुखिया हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लिया जाता जबकि ये दोनों राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं। अखबार ने अपने संपादकीय में सरकार और सेना को लेकर कई सवाल उठाए हैं।


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पाकिस्तान के लोकप्रिय अखबार ने बुधवार को सरकार और सेना से पूछा है कि 'आखिर जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई करना, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ‘खतरा‘ क्यों है?' अखबार के संपादकीय में कहा गया है कि सरकार और सेना, हाफिज सईद और मसूद अजहर पर कार्रवाई करने के बजाय प्रेस को लेक्चर दे रही हैं। अखबार में यह भी लिखा गया है कि वह बहुत ही खराब दिन था जब सेना और सरकार के उच्चस्तरीय लोग प्रेस को उनका काम करने के तरीके पर लेक्चर देने के लिए मिले थे।


द नेशन ने संपादकीय पेज पर लिखा 'डॉन अखबार के रिपोर्टर सिरिल अलमाइडा की रिपोर्ट को सरकार ने मनगढ़ंत बताया लेकिन सरकार और आर्मी के अधिकारियों ने कल की मीटिंग में इसकी कोई सफाई नहीं दी कि क्यों पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठनों की मौजूदगी को नकारा जा रहा है, या क्यों मसूद अजहर और हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए खतरा है या क्यों पाकिस्तान दुनिया में तेजी से और ज्यादा अलग-थलग पड़ता जा रहा है।'


गौर हो कि हाफिज सईद आतंकी संगठन जमात-उद-दावा का चीफ है जो मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है।  मसूद अजहर जैश ए मोहम्मद का प्रमुख है। संसद हमला, पठानकोट हमला और उरी में पिछले महीने हुए हमले का मास्टरमाइंड इसी को माना जाता है।