15 September History: आज लोगों के घरों में ही नहीं बल्कि लोगों के हाथों में भी टीवी है. लोग हाथों में टीवी लेकर सफर करने लगे हैं. जी हां अगर देखा जाए तो स्मार्ट फोन किसी टीवी से कम नहीं है. लोग आजकल टीवी से ज्यादा अपने मोबाइल फोन को एंटरटेनमेंट का जरिया बना चुके हैं. महिलाएं स्मार्ट फोन पर ही सीरियल देखने लगी हैं, पुरुष मोबाइल पर समाचार देखने और पढ़ने लगे हैं, युवा भी मोबाइल फोन पर ही मैच और फिल्में देखने लगे हैं.  


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लोगों का घर बन जाता था थिएटर
ऐसे में यह कहना भी गलत नहीं होगा कि आज मोबाइल ने टीवी की जगह ले ली है. वरना एक समय ऐसा था जब लोग टीवी पर चलने वाले कार्यक्रमों के देखने के लिए बहुत दूर तक जाते थे. एक समय ऐसा था जब हर किसी के घर में टीवी नहीं हुआ करते थे. उस वक्त जिसके घर टीवी हुआ करता था उस शख्स के घर लोगों की भीड़ लग जाया करती थी और माहौल कुछ ऐसा हुआ करता था मानों उस घर में थिएटर खुल गया हो. हालांकि समय के साथ-साथ हर किसी के घर में टीवी आ गए और आज वो समय है कि लोगों के घरों में स्मार्ट टेलिविजन देखने को मिल जाते हैं. 


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अगर आज से लगभग 30 साल पहले की बात की जाए तो उस समय चैनल्स भी बहुत कम हुआ करते थे. आज से 65 साल पहले 1959 में 15 सितंबर को सरकारी प्रसारक के तौर पर दूरदर्शन की स्थापना हुई थी. यह एक ऐसा सरकारी चैनल था जिस पर मनोरंजन, देश की कला और संस्कृति, शिक्षा और धर्म से जुड़े कार्यक्रम प्रसारित किए जाते थे. हालांकि ये कार्यक्रम कुछ दिन और कुछ ही देर के लिए प्रसारित किए जाते थे, लेकिन आज यह संगठन लगातार 24 घंटे बिना रुके कार्यक्रमों का प्रसारण कर रहा है. 


बता दें, एक यूट्यूब पेज पर दूरदर्शन पर आने वाले कार्यक्रम के बारे में बताया गया है. इस पेज के अनुसार, दूरदर्शन पर सुबह सबसे पहले 7:00 बजे हिंदी समाचार प्रसारित किए जाते थे. इसके बाद 7:30 पर आता था 'ही मैन कार्टून' जो स्पेशल बच्चों के लिए हुआ करता था. इसके बाद सुबह 8:00 बजे रंगोली कार्यक्रम प्रसारित किया जाता था. इस कार्यक्रम में सदाबहार गाने सुनने को मिलते थे. इसके बाद 8:30 बजे स्पेस सिटी सिग्मा कार्यक्रम आता था जो कि फ्रिक्शन कार्यक्रम था. 


रविवार को देखने मिलते थे ये कार्यक्रम
रविवार सुबह 9:00 बजे 'महाभारत' आती थी, जिसे खूब देखा जाता था. इस कार्यक्रम को पूरा परिवार एक साथ बैठकर देखता था. यह कार्यक्रम पूरा एक घंटा चलता था. इसके बाद 10:00 बजे 'फिर वही तलाश', 10:30 पर 'नींव' धारावाहिक, 11:00 बजे मेथेलॉजिकल शो 'विश्वामित्र'. इसके बाद थोड़ा ब्रेक लेकर 1:00 बजे में 'मूक-बधिरों' के लिए समाचार आते थे, दोपहर 1:30 पर कोई भी एक रिजनल फिल्म दिखाई जाती थी, दोपहर 2 बजे हिंदी समाचार, शाम 5:45 पर हिंदी फीचर फिल्म, रात 9:30 बजे स्ट्रीट हॉक और आखिर में रात 10:30 पर इंग्लिश फीचर फिल्म दिखाई जाती थी. 


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