Chandigarh Doctors' Strike Today News in Hindi: चंडीगढ़ सेकटर-32 गवर्नमेंट हॉस्पिटल एंड कॉलेज के डॉक्टर ने हड़ताल वापस ली और अपनी अपनी ड्यूटी पर लौटे। बता दें कि जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर्स पिछले दो दिन से 7वें पे कमीशन लागू न होने के कारण हड़ताल पर बैठे थे. 


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चंडीगढ़ के हेल्थ सेक्रेटरी अजय चगती से प्रदर्शनकारी डॉक्टरों (PGJR) की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है। इसमें हेल्थ सेक्रेटरी ने जल्द ही उनकी मांगों को पूरा करने का भरोसा दिलाया है। तीन दिन पहले ही सातवें पे कमीशन की संशोधित फाइल को वित्त विभाग के पास भेजा है। अब वित्त विभाग इस पर जल्द फैसला लेगा।


मंगलवार को जिस दिन डॉक्टरों ने हड़ताल की थी, उसी दिन चंडीगढ़ प्रशासन ने हड़ताल खत्म करने की अपील की थी। प्रशासन का कहना था कि इस तरह हड़ताल करने से काम बाधित होता है इसलिए डॉक्टरों को काम पर लौट जाना चाहिए लेकिन उस समय डॉक्टरों ने प्रशासन की बात नहीं मानी थी।


बता दें कि मंगलवार से शुरू हुई इस हड़ताल को लेकर प्रशासन की ओर से हड़ताल खत्म करने की अपील की गई थी, हालांकि डॉक्टरों पर उनकी अपील का कोई असर देखने को नहीं मिला था. इस हड़ताल की वजह से अस्पताल में आने वाले मरीज काफी परेशान हो रहे थे.


गौरतलब है कि इस मामले को लेकर जूनियर रेजिडेंट और चंडीगढ़ प्रशासन के बीच पहले भी कई बार बैठक हो चुकी हुई.


चंडीगढ़ हेल्थ सेक्रेटरी ने भी की थी अपील


बता दें कि हाल ही में चंडीगढ़ प्रशासन के हेल्थ सेक्रेटरी अजय चगती द्वारा सभी डॉक्टरों से हड़ताल को ख़त्म करने की अपील की गई थी और उनका यह भी कहना था कि डॉक्टर की सभी मांगों पर चर्चा चल रही है और जल्द ही समाधान भी कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हड़ताल करने से काम प्रभावित होता है और इसलिए जल्द से जल्द हड़ताल खत्म कर देना चाहिए.

 

7वें पे कमिशन की हो रही थी मांग

 

गौरतलब है कि हड़ताल पर गए डॉक्टरों द्वारा केंद्र की तर्ज पर 7वें पे कमिशन की मांग की जा रही थी और प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना था कि चंडीगढ़ में अप्रैल से सेंट्रल पे-स्केल लागू हो गया है पर उन्हें अभी तक नहीं दिया गया था. उनका कहना था कि जल्द से जल्द उन्हें यह वेतनमान और अप्रैल से अब तक का बनता बकाया दिया जाए. 

 

सेक्टर-16 अस्पताल में बढ़ रही थी मरीजों की संख्या

 

चंडीगढ़ स्थित सेक्टर-32 के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण शहर के अन्य अस्पतालों, जैसे सेक्टर-16 और PGI, की इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की संख्या बढ़ रही थी. फिलहाल सेक्टर 32 में सीनियर डॉक्टर और कंसल्टेंट ही मरीजों को देख रहे थे और वहां पर मरीजों के इलाज के लिए काफी समय लग रहा था.