चंडीगढ़- भैरव यानी की भय का हरण कर जगत का भरण करने वाला. इसलिए तो कहते हैं कि भगवान भैरव की पूजा के बिना शक्ति की देवी दुर्गा की अराधना अधूरी है. भैरव शब्द के तीन अक्षरों में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की शक्ति समाहित है.


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कहा जाता है काल भैरव शिव का रूप हैं और इनकी पूजा करने से आपको भय नहीं सताता है. इसलिए जिन्हें अकेले डर लगता हैं उन्हें अक्सर भैरव की पूजा करने की सलाह दी जाती हैं.यानी कि काल भैरव आपकी रक्षा करते हैं. भैरव शिव के गण और पार्वती के अनुचर माने जाते हैं.


शिव की आराधना से पहले हमेशा भैरव उपासना का विधान होता है. मार्गशीर्ष मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी भगवान शंकर के अंश से भैरव की उत्पत्ति हुई थी. इसलिए इस तिथि को काल भैरवाष्टमी से जाना जाता है.


 उनकी साधना से समस्त दुखों से छुटकारा मिल जाता है।


कहा जाता है कि जो शक्स भी भैरव की अराधना करता हैं उस व्यक्ति को सांसारिक दुखों से पूरी तरह से छुटकारा मिलता है. प्रमुख कालाष्टमी का जो व्रत होता है उसे वैसे तो कालभैरव जयंती के दिन किया जाता है, लेकिन कालभैरव के भक्त हर महीने ही कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर इनकी और व्रत रखते हैं.


कालभैरव का व्रत रखने के फायदे-


भैरव को शिवजी का गण बताया गया है जिसका वाहन कुत्ता है. कालभैरव का व्रत रखने से सभी इच्छाएं और मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. भैरव की उपासना बटुक भैरव और काल भैरव के रूप में बेहद प्रचलित हैं. बात अदर तंत्र साधना की करें तो इसमें भैरव के आठ स्वरूप की उपासना की बात कही गई है. असितांग भैरव, रुद्र भैरव, चंद्र भैरव, क्रोध भैरव, उन्मत्त भैरव, कपाली भैरव, भीषण भैरव संहार भैरव इसके रूप हैं.. इस दिन व्रत रखने वाले साधक को पूरा दिन 'ओम कालभैरवाय नम:' का जाप करना चाहिए.


व्रत की पूरी विधि-


शिव की आराधना से पहले हमेशा भैरव उपासना का विधान होता है. कालाष्टमी के दिन कालभैरव और मां दुर्गा की अराधना करनी चाहिए.


रात को माता पार्वती और भगवान शिव की कथा सुनें


कथा सुन जागरण का आयोजन करना चाहिए


कालभैरव की सवारी कुत्ता है इसलिए इस दिन कुत्ते को भोजन करवाना शुभ माना जाता है


व्रत का फल-


इसका व्रत बहुत ही फलदायी माना जाता है. काल भैरव की पूजा करने से व्यक्ति के सारे कष्ट मिट जाते हैं.


व्यक्ति के सभी रोग दूर हो जाते है


हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है


कहा जाता है काल भैरव शिव का रूप हैं और इनकी पूजा करने से आपको भय नहीं सताता है. इसलिए जिन्हें अकेले डर लगता हैं उन्हें अक्सर भैरव की पूजा करने की सलाह दी जाती हैं.