Uma Dasgupta Passes Away: भारतीय सिनेमा के इतिहास में अमर हो चुकी छवियों में से एक है 'पाथेर पांचाली' की 'अपू' और 'दुर्गा', जो पहली बार ट्रेन देखने के लिए खेतों में दौड़ रहे हैं. सत्यजीत रे की 'पाथेर पांचाली' में 'दुर्गा' का किरदार निभाने वाली बंगाली अभिनेत्री उमा दासगुप्ता का निधन हो गया है. वह कई सालों से कैंसर से जूझ रही थीं.। उनके रिश्तेदार, अभिनेता और राजनीतिज्ञ चिरंजीत चक्रवर्ती ने उनकी मौत की खबर की पुष्टि की.


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उमा दासगुप्ता का निधन
उमा दासगुप्ता ने सोमवार 18 नवंबर की सुबह अंतिम सांस ली. बताया जा रहा है कि सुबह करीब 8 बजे उनकी मौत हो गई. चिरंजीत ने बताया कि सुबह के समय वे उमा की बेटी से मिले और उन्हें पता चला कि उनकी मां अब इस दुनिया में नहीं रहीं. उन्होंने कहा, "उमा दी की बेटी ने मुझे बताया कि वे अब इस दुनिया में नहीं रहीं. कुछ साल पहले उन्हें कैंसर होने का पता चला था."


निदान के बाद, उमा का चिकित्सा उपचार चल रहा था. वह चिकित्सा उपचार के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया भी दे रही थी. लेकिन कैंसर फिर से वापस आ गया. आगे के उपचार के लिए, उन्हें कोलकाता के एक स्थानीय अस्पताल में भी भर्ती कराया गया. वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली.


अधिक जानकारी
उमा दासगुप्ता बहुत छोटी उम्र से ही रंगमंच से जुड़ी हुई थीं. उनके स्कूल के हेडमास्टर निर्देशक सत्यजीत रे के मित्र थे. उनके माध्यम से निर्देशक पाथेर पांचाली में दुर्गा को लेने में सक्षम हुए. हालांकि उमा के पिता नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी अभिनय के लिए फिल्मों में प्रवेश करे. लेकिन बाद में वे मान गए. 'पाथेर पांचाली' के बाद उमा ने कुछ और फिल्मों में भी काम किया.


पाथेर पांचाली में, उमा का किरदार दुर्गा वर्ष की पहली बारिश के दौरान बारिश का आनंद लेने के बाद तेज बुखार के कारण मर जाता है. यह फिल्म, जो बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय के 1929 के इसी नाम के बंगाली उपन्यास का रूपांतरण है, निर्देशक के रूप में रे की पहली फीचर फिल्म थी. रिलीज होने पर इसे व्यापक प्रशंसा मिली और इसे अक्सर अब तक की सबसे महान फिल्मों में से एक के रूप में उद्धृत किया जाता है.