मैं लोकार्नो में इतालवी भाषा सीख रहा हूं, मेरी पाक कला भी सुधर रही है: शाहरुख खान
Shahrukh Khan News: बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान को शनिवार को स्विट्जरलैंड में आयोजित 77वें लोकार्नो फिल्म महोत्सव में `पार्डो अला कैरियरा अवार्ड-लोकार्नो टूरिज्म` या `करियर लेपर्ड` से सम्मानित किया गया. यह सम्मान सिनेमा में उनके योगदान के लिए था.
Shahrukh Khan News: बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान को सिनेमा में उनके योगदान के लिए स्विट्जरलैंड में आयोजित 77वें लोकार्नो फिल्म महोत्सव में 'पार्डो अला कैरियरा अवार्ड-लोकार्नो टूरिज्म' या 'करियर लेपर्ड' से सम्मानित किया गया. शाहरुख (58) यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय कलाकार हैं. उन्हें शनिवार शाम समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया गया. समारोह में पिज्जा ग्रांडे स्क्वायर पर करीब 8000 लोग थे.
पुरस्कार ग्रहण करते समय शाहरुख ने दर्शकों और लोकार्नो फिल्म महोत्सव के कला निदेशक गिओना ए नाजारो को उनके गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद किया. उन्होंने कहा, 'इस बेहद सुंदर, सांस्कृतिक, कलात्मक शहर लोकार्नो में बाहें फैलाकर मेरा स्वागत करने के लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं. ये बाहें उन बाहों से बड़ी हैं जो स्क्रीन में मेरी होती हैं. इतने सारे लोग एक छोटे से चौराहे पर जमा हैं और इतनी गर्मी है. ऐसा लग रहा है जैसे भारत में हों. मुझे यहां बुलाने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद. पिछली दो शामें बहुत शानदार रहीं.'
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उन्होंने कहा, 'भोजन अच्छा है, मेरी इतालवी भाषा सुधर रही है और साथ ही मेरी पाक कला भी. मैं पास्ता और पिज्जा बना सकता हूं और मैं यहां लोकार्नो में इतालवी भाषा भी सीख रहा हूं.' उन्होंने कहा कि सिनेमा 'हमारे दौर का सबसे गहरा और प्रभावशाली कलात्मक माध्यम है.' शाहरुख ने कहा कि फिल्म समारोह में 'पार्डो अला कैरियरा अवार्ड-लोकार्नो टूरिज्म' से सम्मानित होने के बाद वह प्रोत्साहित महसूस कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'मैं आमतौर पर ऐसे अवसरों पर नहीं जाता, मुझे नहीं पता कि लोगों से कैसे संपर्क बनाया जाता है या उनसे कैसे बात की जाती है. मुझे तो बस थोड़ी अदायगी आती है, लेकिन मैं आज रात यहां हूं और लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल के 77वें संस्करण से मैं बेहद प्रोत्साहित महसूस कर रहा हूं. मैं आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं.' यह पुरस्कार सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान देने वाले उन एक या दो कलाकारों को प्रदान किया जाता है, जिनके कलात्मक योगदान ने सिनेमा को नई परिभाषा दी है. उनकी उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए फिल्मोत्सव में उनकी 2002 की हिट फिल्म 'देवदास' दिखाई गई.
(भाषा/राजकुमार)