साक्षी शर्मा/चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र 17 दिसंबर, 2021 से शुरू होने जा रहा है. इस सत्र में विपक्ष के पास प्रदेश के हित में एक नहीं अनेक मुद्दे हैं. मैंने विधानसभा में लोगों के हित के कई मुद्दों को लेकर अपने प्रस्ताव भेजे हैं. मैंने HPSC और HSSC में जो गड़बड़झाले घोटाले हो रहे है. उस पर प्रस्ताव दिया है. प्रदेश के पढ़े-लिखे युवाओं के साथ ठगी हो रही है पेपर लीक हो रहे है. HPSC के कार्यालय में नोटों के बैग मिल रहे है.


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इतना ही नहीं सरकार अब इन मामलों पर पर्दा डालने का काम भी कर रही है. इस प्रदेश के युवा का इस गठबंधन की सरकार से पूरी तरह विश्वास उठ चुका है. हरियाणा बेरोजगारी में टॉप पर पहुंच चुका और नौकरियों को सरकार बेचने में लगी हुई है. इसी तरह देश का किसान एक साल से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहा है. सरकार ने शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे किसान आंदोलन को बार-बार दबाने का प्रयास किया और किसानों पर कई बार बल प्रयोग किया और उन पर मुकदमे दर्ज किए है.


इसके बावजूद किसान अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठे रहे और उनका आंदोलन जारी रहा. आखिरकार एक साल बाद सरकार नींद से जागी और प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि के काले कानून वापस लेने का फैसला किया. लेकिन, किसान की मांग आज भी पूरी नहीं हुई है. किसान MSP की गारंटी की मांग कर रहा है. लेकिन, केंद्र सरकार अब एक कमेटी बनाकर फिर इसे ठंडे बस्ते में डालना चाहती है. इसी बीच हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है.


हमें एक प्रस्ताव केंद्र को हरियाणा विधानसभा से केंद्र सरकार को भेजना चाहिए, जिस प्रस्ताव में किसानों की फसलों की एमएसपी की गारंटी देने की मांग का समर्थन करना चाहिए ताकि किसानों को हरियाणा सरकार और इस सदन पर भरोसा बने. इसको लेकर हरियाणा विधानसभा में मैंने एक प्रस्ताव दिया है जिस पर चर्चा की मांग की है. इसके अलावा भी किसानों की कई मुद्दे हैं. किसानों को खाद थाने में जाकर लेनी पड़ी.


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हमारी मां बहनें में जाकर लाइनों में खाद के लिए खड़ी नज़र आई जो सरकार के लिए शर्म की बात है. गठबंधन सरकार किसान को बर्बाद करने पर तुली हुई है. इस सरकार ने बाजरे की खरीद का दावा किया था. लेकिन, मेरे जिले भिवानी- महेंद्रगढ़ में किसानों का बाजरा नहीं बिका और उनके खाते में पैसे डालले की बात सरकार ने जो कि वह भी जुमला बन कर रह गई.


आज महंगाई, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था समेत तमाम मुद्दे है जिन पर चर्चा होनी चाहिए. हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र छोटी अवधि का सत्र सरकार करने की तैयारी में, लेकिन मैं मांग करती हूं. इस सत्र को कम से कम 1 सप्ताह तक चलना चाहिए ताकि जनहित के मुद्दों पर चर्चा हो सके। प्रदेश में महंगाई और भ्रष्टाचार से लोग परेशान हो चुके हैं.


इतना ही नहीं कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी है और प्रदेश में बदमाशों के हौसले बुलंद हैं और हर रोज मर्डर, डकैती और लूटपाट की घटनाएं और हरियाणा की पहचान बन चुकी है. सरकार का प्रशासन और कानून व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं है. हरियाणा की गठबंधन सरकार हर मोर्चे पर विफल और नकारा साबित हुई है. इस सरकार से हर वर्ग जिसमें व्यापारी, मजदूर, कर्मचारी और बेरोजगार युवा समेत सभी परेशान है.