Health News: 'नमक जिंदगी में जरूरी है स्वाद बना रहता है. अकसर आपने लोगों को ऐसा कहते हुए सुना होगा. सब्जी में कम हो तब दिक्कत, ज्यादा हो तो परेशानी. जीभ पर स्वाद चढ़ता है लेकिन एक और बात है जिसका ध्यान नहीं रखा तो सेहत बिगड़ सकती है.  आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, मेडिकल साइंस इसे 'हिडन किलर' यानि छुपा हुआ हत्यारा भी मानता है. 


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"हिडन किलर" इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके प्रभाव तुरंत दिखाई नहीं देते पर धीरे-धीरे हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते चले जाते हैं. अत्यधिक नमक का सेवन हाइपरटेंशन को दावत देता है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. 


विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मानें तो दिनभर में 5 ग्राम से कम नमक का सेवन करना चाहिए. भारत में इसका स्तर बहुत ज्यादा है. हम भारतवासी एक दिन में औसतन 8 से 11 ग्राम नमक खाते हैं, जो कि डब्ल्यूएचओ की सलाह से 70 से 100 फीसदी तक अधिक है. इसका दीर्घकालिक प्रभाव रक्तचाप को बढ़ाता है, जो हृदय घात यानी दिल का दौरा और स्ट्रोक का कारण बन सकता है. 


नमक का अत्यधिक सेवन केवल हृदय घात और स्ट्रोक का ही कारण नहीं बनता है, बल्कि यह पेट के कैंसर, गुर्दे की बीमारी और हड्डियों के कमजोर होने जैसी समस्याओं से भी जुड़ा हुआ है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सभी लोग अपनी नमक की खपत में 1 ग्राम की कमी करते हैं, तो इससे हर साल 4,000 से अधिक लोगों को हृदय घात और स्ट्रोक से बचाया जा सकता है. 


दुनिया भर में लोग जानते हैं कि नमक का अत्यधिक सेवन हानिकारक है, लेकिन यह सुनिश्चित करना कि हम कितना नमक खा रहे हैं. एक बड़ी चुनौती बन गई है. आमतौर पर जिन खाद्य पदार्थों में सबसे ज्यादा नमक पाया जाता है. उनमें रोटी, रेडी टू ईट फूड, जंक फूड, पिज्जा, सूप और पनीर शामिल है.


जानें इसके बचाव का रास्ता 
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर हम अपने भोजन में नमक की मात्रा धीरे-धीरे कम करें, तो हमारे टेस्ट बड्स ऐसे ही हो जाते हैं. कुछ लोग नमक के विकल्प का उपयोग करते हैं, जैसे कि लो-सॉल्ट या पोटैशियम आधारित नमक, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह भी एक स्थायी समाधान नहीं है. बेहतर तरीका यह है कि हम अपने भोजन को स्वाभाविक रूप से कम नमक में तैयार करें और भोजन के स्वाद को बेहतर बनाने के लिए जड़ी-बूटियों, मसालों और नींबू का उपयोग करें. 


रिपोर्ट- आईएएनएस


Disclaimer: खबर में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. ज़ी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है.