हमीरपुर में पहुंची 40 हजार फलदार पौधों की खेप, आम की 3 किस्म के पौधे सरकारी दरों पर उपलब्ध
Hamirpur News: हमीरपुर में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए 40 हजार फलदार पौधों को सरकारी दरों पर बागवानों को उपलब्ध करवाए गए हैं, जिसमें लीची, मौसमी और कागजी नींबू के पौधे भ शामिल है.
Hamirpur News: हमीरपुर में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए 40 हजार फलदार पौधों को सरकारी दरों पर बागवानों को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. उद्यान विभाग के द्वारा मानसून सीजन में हमीरपुर जिला की जलवायु के अनुसार आम की तीन किस्म के पौधे के अलावालीची, मौसमी और कागजी नींबू के पौधे बेचने के लिए उपलब्ध होंगे. हमीरपुर उद्यान विभाग ने ब्लॉक स्तर पर आज से पौधों की बिक्री शुरू कर दी है.
बता दें, बरसात के मौसम में लगाए जाने वाले फलदार पौधों की बड़ी खेप हमीरपुर पहुंच गई है. उद्यान विभाग के पास आम की तीन किस्में तथा लीची, मौसमी, पपीता तथा कागजी नींबू के पौधे पहुंचे हैं. इनका आज से वितरण शुरू हो गया. बागवानी करने वाले बागवान पौधों के पहुंचने का ही इंतजार कर रहे थे.
फलदार किस्म के पौधे खरीदने के लिए लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. वर्तमान में उद्यान विभाग ने हमीरपुर जिला के लिए 40 हजार पौधों की डिमांड भेजी थी. जिसमें आम, लीची, पपीता, मौस्समी, नींबू सहित अन्य पौधे शामिल हैं. हमीरपुर के डांगक्वाली स्थित विक्रय केंद्र पर पौधों की खरीद करने के लिए काफी संख्या में मंगलवार के दिन लोग पहुंचे.
लोगों को सरकारी दरों पर फलदार पौधे उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. हालांकि यहां पर लिस्ट में शामिल सभी पौधे उपलब्ध नहीं है तथा उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में सभी पौधे यहां पर उपलब्ध हो जाएंगे. आम की किस्मों में लंगड़ा, दशहरी तथा अमरपाली के पौधे मंगवाए गए हैं.
लंगड़ा तथा दशहरी आम का पौधा 70 रुपए में जबकि अमरपाली आम की किस्म का पौधा 75 रुपए में सरकारी दर पर दिया जा रहा है. वहीं लीची के पौधे की कीमत 70 रुपए, मौसमी का पौधा 60 रुपए, पपीता 40 रुपए और कागजी नींबू का पौधा 35 रुपए में उपलब्ध करवाया गया है. बता दें, जिला के लिए मंगवाए गए 40 हजार पौधों का वितरण ब्लॉक स्तर पर कर दिया गया है.
उद्यान विकास खंड हमीरपुर अधिकारी ऊषा सोंखले ने बताया कि फलदार पौधों की खेप हमीरपुर पहुंच गई है. पौधों का आवंटन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकारी दरों पर ये पौधे बागवानों का उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.
रिपोर्ट- अरविंदर सिंह, हमीरपुर