Mandi News: शहीद पति की पार्थिव देह घर पहुंचते ही पत्नी ने अपने शहीद पति को पहले जय हिंद कहा, फिर माथा चूमकर दुलार किया और बाद में अर्थी को बेटी सहित कांधा देकर भारत माता की जय के नारे लगाते हुए अंतिम विदाई दी.


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मंगलवार को शहीद राकेश कुमार के घर पर इस मार्मिक दृश्य से हर किसी की आंख में आंसू ला दिए. मंगलवार सुबह करीब 10 बजे शहीद राकेश कुमार की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव बरनोग पहुंची. यहां परिवार के लोगों को अंतिम दर्शन करवाए गए. शहीद की पत्नी भानुप्रिया का जहां रो-रोकर बुरा हाल था. वहीं उसने इस घड़ी पर हौसले का परिचय भी दिया और अपने पति की शहादत को सलाम किया.


शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए इलाके के लोग बड़ी संख्या में वहां उपस्थित रहे. घर पर अंतिम दर्शनों के बाद शहीद की पार्थिव देह को गांव के श्मशानघाट ले जाया गया, जहां नाचन के विधायक विनोद कुमार, बल्ह के विधायक इंद्र सिंह गांधी,  प्रशासन की तरफ से डीसी मंडी अपूर्व देवगन, डीआईजी सौम्या सांबशिवन, पूर्व विधायक सोहन लाल ठाकुर और एपीएमसी के चेयरमैन संजीव गुलेरिया सहित हजारों लोगों ने अपने वीर जवान को अंतिम विदाई दी.


शहीद पिता की चिता को 9 वर्षीय बेटे प्रणव ने मुखाग्नि दी. सेना की तरफ से आए हुए जवानों ने हवाई फायर करके अपने साथी को अंतिम सलाम किया. शहीद राकेश कुमार के बड़े भाई कर्म सिंह ने कहा कि शहीद का घर वर्ष 2023 की प्राकृतिक आपदा में टूट गया था और नया घर बनाने का उसका सपना अधूरा ही रह गया. इन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि शहीद के परिवार को नया घर बनाकर दिया जाए और इसके साथ ही छम्यार स्कूल का नाम भी शहीद के नाम पर रखा जाए. 


एपीएमसी के चेयरमैन संजीव गुलेरिया ने कहा कि राकेश कुमार ने बहादुरी का परिचय देते हुए देश के लिए अपने प्राणों की आहूति दी है. उनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता. उन्होंने परिजनों को सरकार की तरफ से विश्वास दिलाया कि सरकार के स्तर पर परिवार को यथासंभव मदद दिलाने का प्रयास किया जाएगा. गृह निर्माण की मांग को सरकार और प्रशासन के समक्ष प्रमुखता से रखा जाएगा. 


बता दें, कि जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में नायब सूबेदार राकेश कुमार ने शहादत पाई. पिछले कल यानी सोमवार को उनके शव को मंडी लाया गया था और आज उनका पूरे राजकीय व सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. राकेश कुमार बल्ह उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत छम्यार के बरनोग गांव के रहने वाले थे. वे अपने पीछे 90 वर्षीय माता, पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं. 


रिपोर्ट- नितेश सैनी, मंडी