बिलासपुर में भाखड़ा बांध विस्थापितों के पुनर्वास के लिए जिला प्रशासन दिखा एक्टिव, 271 परिवारों को मिलेंगे अब प्लाट
Bilaspur News in Hindi: भाखड़ा बांध विस्थापितों के पुनर्वास के लिये जिला प्रशासन की क़वायद शुरू, प्लाट आवंटन से वंचित 271 परिवारों को मिलेंगे अब प्लाट तो पहले चरण में 36 विस्थापित परिवारों को पंजाब से सटे ग्वालथाई में आलोट होंगे प्लाट.
Bilaspur News: देश में ऊर्जा क्रांति के क्षेत्र में जहां भाखड़ा बांध निर्माण का अहम रोल माना जाता है तो वहीं भाखड़ा बांध के बनने से पुराना बिलासपुर शहर गोविंद सागर झील की जद में आने से डूब गया था. देश को बिजली उपलब्ध करवाने के मकसद से अपना घरबार छोड़ विस्थापन का दंश झेल रहे बिलासपुर के लोगों को दोबारा बसाने का काम किया गया था मगर इनमें 271 परिवार ऐसे है जिन्हें आजतक प्लाट आवंटित नहीं हो पाए थे और इन परिवारों ने लगातार प्रदेश में आई भाजपा व कांग्रेस की सरकारों से उन्हें प्लाट देकर उनके उचित बसाव करने की अपील की थी.
वहीं, अब भाखड़ा विस्थापितों की दशकों से चली आ रही बसाव की मांग अब शीघ्र ही खत्म होने जा रही है. जी हां, बिलासपुर जिला प्रशासन ने प्लाट सुविधा से अब तक वंचित रहे 271 विस्थापितों को बसाने को लेकर कवायद शुरू कर दी है. जिसके पहले चरण में बिलासपुर जिला के नैनादेवी उपमंडल से ताल्लुक रखने वाले 36 विस्थापित परिवारों को पंजाब राज्य की सीमा से सटे इंडस्ट्रियल एरिया ग्वालथाई के समीप समतैहण में बसाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए पंचायती राज संस्थान की 14.4 बीघा जमीन का चयन कर एसडीएम स्वारघाट ने उपायुक्त बिलासपुर को प्रपोजल बनाकर भेजा है.
वहीं सभी विस्थापितों को चरणबद्ध ढंग से बसाने के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है. इसके अलावा बिलासपुर जिला में भी पशुपालन विभाग की जमीन देखी गई है. जहां भाखड़ा विस्थापितों के लिए प्लाट बनाकर उन्हें बसाया जा सकता है. इस बात की जानकारी देते हुए उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि विस्थापितों के पुनर्वास को अपनी प्राथमिकता में शामिल करते हुए इस योजना को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है.
वहीं उनका कहना है कि बिलासपुर जिला में राजस्व विभाग की काफी कम जमीन है और जो जमीन है वहां भाखड़ा विस्थापितों को बसाना काफी मुश्किल है, जिसे देखते हुए प्रशासन द्वारा विभागों से सम्बंधित अतिरिक्त जमीन को राजस्व विभाग में शामिल कर भाखड़ा विस्थापितों को बसाने का काम किया जा रहा है. जिसके पहले चरण में नैनादेवी के ग्वालथाई में पंचायती राज संस्थान की जमीन को चयनित किया गया, जहां 36 प्लाट बन सकते हैं.
इसके अलावा एम्स अस्पताल कोठीपुरा के पास पशुपालन विभाग की जमीन को भी देखा जा रहा है, जहां विस्थापितों को प्लाट आवंटित किया जा सकता है. इसके साथ ही उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक ने सरकार को एक प्रपोजल भेजने की बात कही, जिसमें विस्थापितों के लिए प्राइवेट लैंड एक्वायर करने की अपील की गयी है, जिसके संबंध में निर्णय आना बाकि है और सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इस दिशा में ठोस कदम उठाया जाएगा
वहीं उपायुक्त ने कहा कि भाखड़ा विस्थापितों की विभिन्न समस्यों को लेकर उनके साथ बैठक की गई है और उनकी मांगों को सरकार के समक्ष रखा जाएगा ताकि उनका समाधान हो सके.
आपको बता दें कि सतलुज नदी पर बने भाखड़ा बांध का निर्माण कार्य सन 1948 में शुरू किया गया था, जिसका उद्घाटन 22 अक्टूबर 1963 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था. वहीं 9 अगस्त 1961 को भाखड़ा बांध बनने से पुराने बिलासपुर शहर के गोविंद सागर झील की जद में आने से 256 गांव की 40 हजार हेक्टेयर जमीन जलमग्न हो गयी थी. वहीं बिलासपुर शहर को पहले कहलूर रियासत के नाम से भी जाना जाता था. वहीं पुराने बिलासपुर के डूबने के बाद लोगों का दोबारा से बसाव किया गया था.
नया बिलासपुर शहर 999 साल की लीज पर चल रहा है जिसके अब तक 62 साल पूरे हो चुके है, ऐसे में भाखड़ा विस्थापितों के 271 परिवारों को प्लाट आवंटित करने की जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से विस्थापितों की दशकों पुरानी बसाव की मांग के पूरा होने उम्मीद अब पूरी होती दिखाई दे रही है.