Dharamshala Latest News: आख़िरखार 11 दिनों के अथक प्रयासों के बाद पौलेंड निवासी आंद्रे कुलाविक का शव धर्मशाला लाने में कांगड़ा पुलिस को सफलता मिल ही गई है. दरअसल 23 अक्टूबर से बैजनाथ की बीड़ से सोलो फ्लाइंग करने वाले आंद्रे कुलाविक धर्मशाला के पास धौलाधार की पहाड़ियों में इस कदर खो गये कि उनके साथ फ्लाइंग करने वाले 3 अन्य साथियों को चौपर की मदद से रेस्कयू कर लिया गया. मगर आंद्रे कुलाविक का कोई सुराग नहीं मिल पाया.


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जिसके बाद उसकी बेटी द्वारा अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए जब इस बात को उजागर किया तो पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए उसकी खोजबीन शुरू की. जब स्थानीय पुलिस को अपने स्तर पर और निजी हेलीकॉप्टर से लाभ नहीं मिला, तो वायुसेना और NDRF की मदद ली गई. जिसके बाद उन्हें  आंद्रे का ग्लाइडर धौलाधार की तलहटी वाली पहाड़ियों में नज़र आया. जब वहां रेस्कयू टीम के सदस्यों को उतारा गया तो उन्हें वहां आंद्रे का शव भी मिल गया, क्योंकि ये इलाका समुद्रतल से 3650 मीटर की ऊंचाई पर बहुत ही ठंडा और संकीर्ण था ऐसे में रेस्कयू टीम को वहां से शव बाहर निकालने में मनाली मोन्टेनरिंग रेस्कयू टीम, SDRF, NDRF और वायुसेना के साथ साथ, स्थानीय टीमों को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा.


फिर भी सफलता नहीं मिल पाई तो ऐसे में भारतीय सेना की विशेष टुकड़ी की मदद ली गई. जिनका बेस कैंप खड़ौता में बनाया गया था. वहां से NDRF के 3 और आर्मी के 5 सदस्यों ने 4 किलोमीटर के करीब बेहद खतरनाक ट्रैक को पार कर शव को एयरलिफ्ट किया है और अब इसे आर्मी छावनी में रखवा दिया गया है. 


SP कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि अब इस बाबत एम्बेसी से सम्पर्क किया गया है साथ ही परिजनों को भी इतलाह कर दी गई है ताकि शव उन्हें दे दिया जाए और वो लोग मानवीय आधार पर अपने अंतिम संस्कार कर सकें.