Nurpur News: कृषि व पशुपालन मंत्री प्रो.चंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार जनकल्याण और जनसेवा के लिए समर्पित है. ये बात कृषि मंत्री आज शनिवार को फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत छत्तर जोगियां पंचायत में आयोजित प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ''सरकार गांव के द्वार'' में जनसभा को संबोधित करते हुए बोल रहे थे.  इस अवसर पर विधायक भवानी पठानिया, एडीएम रोहित राठौर तथा एसडीएम विश्रुत भारती विशेष रूप से उपस्थित रहे. 


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कृषि मंत्री ने कहा प्रजातंत्र में लोगों द्वारा अपनी सरकार चुनी जाती है और चुनी हुई सरकार का यह दायित्व है कि वो लोगों तक पहुंच कर उनकी समस्याओं का निवारण करें और अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं द्वारा जनकल्याण सुनिश्चित करें.  उन्होंने कहा कि विकास की किरण सभी क्षेत्रों में एक समान पहुंचे, उसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदेश सरकार ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल के दौरान कई साहसिक निर्णय लिए, जिनके फलस्वरूप प्रदेश में सरकारी प्रणाली के कामकाज में बदलाव होने के साथ व्यवस्था परिवर्तन का नया दौर शुरु हुआ है. 


प्रदेश सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार अनाथ बच्चों के लिए सुख-आश्रय योजना शुरू कर 4,000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपना कर उनके लिए माता-पिता की भूमिका निभा रही है.  ऐसे असहाय बच्चों को घर बनाने के लिए 3 बिस्वा भूमि देने सहित 3 लाख रुपए की वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है.  इसके अलावा हर माह 4 हजार रुपए जेब खर्च देने के साथ शिक्षण, छात्रावास तथा कोचिंग शुल्क सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है. 


उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए एक प्रतिशत की दर से अधिकतम 20 लाख रुपये तक का ऋण भी उपलब्ध करवा रही है ताकि आर्थिक तंगी के कारण किसी गरीब परिवार के बच्चे की पढ़ाई बाधित न हो. 


गत बरसात में प्रदेश में आई आपदा के समय मण्ड क्षेत्र में बाढ़ के भयंकर हालात थे.  तत्काल स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, प्रशासन ने लोगों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकाल कर उनके लिए अस्थायी निवास और खाने-पीने की व्यवस्था की. उन्होंने बताया कि प्रदेश की नाजुक आर्थिक स्थिति के बावजूद प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से 4,500 करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज जारी किया है, जिसके तहत पूर्ण तौर पर क्षतिग्रस्त हुए मकानों के मालिकों को नया मकान बनाने के लिए 7 लाख तथा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए मकान के मालिकों को 1-1 लाख रुपये की राशि दी गई है. 


इसके अलावा डंगे लगाने के लिए 1 लाख तथा फसल के नुकसान पर किसानों को मुआवजा प्रदान किया जा रहा है. कृषि मंत्री ने कहा कि हिमाचल गांव में बसता है और गांवों को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए प्रदेश सरकार लगातार कार्य कर रही है. गांवों का विकास तभी संभव होगा जब गांव का किसान आर्थिक रूप से समृद्ध होगा. प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के कल्याण हेतु कई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है.  विभिन्न कृषि उपकरणों पर प्रदेश सरकार द्वारा 40 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है.  दूध उत्पादकों को फायदा पहुंचाने के लिए पहली बार दूध के मूल्यों में एकमुश्त 6 रुपए की बढ़ोतरी की गई है.  उन्होंने बताया कि धर्मशाला के नजदीक ढगवार में 250 करोड़ रुपयों की लागत से आधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण प्लांट स्थापित किया जा रहा है. 


सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम में विभिन्न विभागों से सम्बंधित 102 समस्याएं प्राप्त हुई, जिनमें से अधिकतर का मौके पर ही निपटारा कर दिया गया.  जबकि शेष समस्याओं के समयबद्ध निपटारे के अधिकारियों को निर्देश दिये गए. 


वहीं, कार्यक्रम में गांव घड़ोली से अपने दिव्यांग बेटे शमशेर सिंह को लेकर पहुंची गरीब परिवार से सम्बंध रखने वाली रुमला देवी को देख कृषि मंत्री चंद्र कुमार तथा विधायक भवानी पठानिया ने मंच से नीचे उतर कर उनके परिवार को मकान बनाने के साथ आईआरडीपी की सूची में शामिल करने बारे रखी गई समस्या को सुना. उन्होंने अधिकारियों को उनकी समस्या का समयबद्ध समाधान करने के निर्देश दिए. 


कृषि मंत्री ने दिव्यांग मनदीप सिंह की दुकान के लिए जगह मुहैया करवाने की मांग को सुना तथा प्रशासन को उनकी समस्या के समाधान करने के निर्देश दिए. कृषि मंत्री ने इस मौके पर विभिन्न विभागों तथा स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन किया तथा सभी के प्रयासों की सराहना की.  इससे पहले विधायक भवानी पठानिया ने मुख्यातिथि का कार्यक्रम में पधारने पर शॉल व टोपी भेंट कर स्वागत किया.  उन्होंने प्रदेश में सरकार गांव के द्वार महत्वकांक्षी कार्यक्रम को शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया. 


उन्होंने कहा कि बहुत लोग अपनी समस्या को लेकर प्रशासन तक नहीं पहुंच पाते हैं. प्रदेश सरकार गांवों में पहुंच कर ऐसे लोगों के लिए अपनी समस्या रखने का बेहतर मंच उपलब्ध करवा रही है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में मिली हर समस्या का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित बनाया जाएगा. इस मौके पर स्वास्थ्य तथा आयुष विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा 330 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई तथा निशुल्क दवाइयां भी वितरित की गई.