अरविंदर सिंह/हमीरपुर: डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज व अस्पताल हमीरपुर की फार्मेसी में मिलने वाले दो महत्वपूर्ण इंजेक्शन की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. एंटी कैंसर और मिर्गी के दौरे में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन में कमी की शिकायत मिलने के बाद औषधि निरीक्षक ने इनके सैंपल ले लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए चंडीगढ़ रीजनल ड्रग टेस्टिंग एजेंसी (आरडीटीएल) भेजे जा रहा है. लैब की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि इनमें किसी प्रकार की कोई कमी है या नहीं. 


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बताया जा रहा है कि दोनों ही-इंजेक्शन में चिकित्सकों को कमी महसूस हुई है. दोनों ही इंजेक्शन की शीशी में जब डेल्यूट वाटर ऐड किया जाता है तो इंजेक्शन की सामग्री उसमें घुलने की बजाए शीशी के बीच चिपक रही थी. इस वजह से इसकी गुणवत्ता सवालों के घेरे में आई और शिकायत ड्रग इंस्पेक्टर को दी गई. इसकी शिकायत के आधार पर मेडिकल कॉलेज की फामेर्सी से एंटी कैंसर और फिनाइटोइन इंजेक्शन की शिकायत मिलने के बाद मौके पर जाकर दोनों ही इंजेक्शन के सैंपल भरे गए हैं. इन्हें जांच के लिए आरडीटीएल चंडीगढ़ भेजा जा रहा है. इन दोनों ही इंजेक्शन के स्टॉक को मेडिकल कॉलेज की फार्मेसी में होल्ड कर दिया गया है. 


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दोनों इंजेक्शन के सैंपल लेने के साथ ही इनकी बिक्री को भी बंद करवा दिया गया है. एंटी कैंसर के 2000 और फिनाइटोइन इंजेक्शन के 60 स्टॉक को होल्ड कर दिया गया है. जब तक सैंपल की रिपोर्ट सही नहीं आती तब तक इनकी बिक्री संभव नहीं है. बता दें, एंटी कैंसर इंजेक्शन का उपयोग हड्डी के कैंसर, मूत्राशय के कैंसर, रक्त कैंसर के उपचार के लिए किया जाता है. प्रयोग के दौरान इसमें कोई कमी चिकित्सकों को देखने में मिली है. कमी सामने आने के बाद ड्रग इंस्पेक्टर को सूचित किया गया. मौके पर जाकर इसके सैंपल भरने के साथ स्टॉक होल्ड कर दिया गया है.


ड्रग इंस्पेक्टर दिनेश गौतम ने बताया कि डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर की फार्मेसी से एंटी कैंसर और मिर्गी के दौर में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन में कमी की शिकायत मिली है. दोनों ही इंजेक्शन के स्टॉक को होल्ड कर दिया गया है. सैंपल जांच के लिए डीटीएल लैब चंडीगढ़ भेजे जा रहे हैं.  


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