नितेश सैनी/मंडी: भारी बरसात के कारण एक ओर ब्यास नदी उफान पर है, वहीं दूसरी ओर गांव के लोग नदी किनारे संकरे रास्ते को जान हथेली पर रखकर पार करने को मजबूर हैं. इस संकरे रास्ते पर जरा सा भी पैर फिसला तो सीधे ब्यास नदी में जाकर ही रुकेंगे. यह कहानी है सदर विधानसभा क्षेत्र के 9 मील के साथ लगती ग्राम पंचायत मैणी के ग्रामीणों की है, जहां पिछले वर्ष ब्यास नदी में आई बाढ़ में यह रास्ता पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके बाद स्थानीय पंचायत द्वारा एक लाख की लागत से जो रास्ता बनाया गया, वह एक सप्ताह भी नहीं टिक सका. 


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इसी को लेकर मैणी पंचायत के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन के पास पहुंचा और इस रास्ते की पूरी स्थिति के बारे में उपायुक्त मंडी को अवगत कराया. इस मौके पर ग्रामीणों ने पंचायत प्रधान पर इस रास्ते के निर्माण में धांधली करने के भी आरोप लगाए. ग्रामीण मोहन सिंह और रमेश कुमार सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि इस रास्ते से लगभग 4 से 5 गांवों के करीब 600 लोग गुजरते हैं. कुछ दिन पूर्व बरसात में यह रास्ता जब एक बार फिर से टूटा तो उन्होंने स्वयं श्रमदान कर इस रास्ते को दुरूस्त कर चलने लायक बनाया.


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ग्रामीणों का कहना है कि इस रास्ते पर पैदल चलना खतरे से खाली नहीं है. यहां हर समय ब्यास नदी में गिरने का खतरा बना रहता है, लेकिन गांव के लिए और कोई भी रास्ता ना होने के कारण जान हथेली पर रखकर यहां से गुजरना पड़ रहा है. महिलाओं और स्कूली बच्चों के लिए इस रास्ते को पैदल पार करना बहुत ज्यादा मुश्किल है. महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को पीठ पर बांधकर इस रास्ते को बड़ी मुश्किल से पार करती हैं. ग्रामीणों ने उपयुक्त मंडी से मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द इस रास्ते को सही तरीके से बनवाया जाए.


वहीं, उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि उन्हें प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन प्राप्त हुआ है. संबंधित खंड विकास अधिकारी को रास्ते की स्थिति के बारे में जांच करने के आदेश दे दिए गए हैं. लोगों की समस्या का जल्द हल किया जाएगा.


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