मनीष ठाकुर/कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में भाई दूज का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. भाई दूज को 'यम द्वितीया' के नाम से भी जाना जाता है. ये पर्व भाई-बहन के रिश्ते को स्नेह और सम्मान से भरपूर बनाने के लिए मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और सुरक्षा की कामना करती हैं. 


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क्यों मनाया जाता है भाई दूज पर्व
भाई दूज का पर्व दीपावली के दो दिन बाद आता है. माना जाता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना जी के घर गए थे, जहां यमुना जी ने उनका आदर-सत्कार कर उन्हें तिलक किया था, तभी से यह दिन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक बना हुआ है. आज के दिन भाई दूज के पर्व पर बहने अपने भाई से मिलने के लिए उनके घर पहुंची हैं. 


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भाई दूज पर बहनें अपने भाई के माथे पर कुमकुम का तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु के लिए भगवान से विनती करती हैं. आज के समय में इस पर्व पर भाई और बहनों में एक-दूसरे को गिफ्ट देने का भी खूब चलन चल रहा है. भाई दूज के पर्व पर ज्यादातर भाई अपनी बहनों को और कुछ बहनें भी अपने भाई को उपहार भेंट करती हैं. 


कुल्लू में भाई दूज पर अपने भाई के घर पहुंचीं बहन शालिनी भारद्वाज और अमीना राजगौर ने बताया कि वे भईया दूज पर अपने भाई को तिलक लगाने के लिए आई हैं. उन्होंने अपने भाइयों को उपहार भी दिए हैं. वही, उनके भाइयों ने भी उन्हें बड़े सुंदर उपहार भेंट किए हैं. उन्होंने भईया दूज के अवसर पर भाई को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना की है. उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन की तरह ही यह पर्व भी उनके लिए काफी खास होता है. इस दिन का वह बेसब्री से इंतजार करती हैं. उन्होने कहा कि आज उन्होंने एक जगह इकट्ठे होकर इस त्योहार को धूमधाम से मनाया है.   


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