Bilaspur Forest Fire: हिमाचल प्रदेश में मई महीने की चिलमिलाती गर्मी का असर इस कदर देखने को मिल रहा है. जंगलों में आग लगने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां एक ओर हिमाचल प्रदेश के सबसे गर्म जिलों में शुमार ऊना व बिलासपुर जमें अधिकतम तापमान 42 से 45 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा है, तो वहीं अलग-अलग ज़िलों से जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं. 


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गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में अब तक जंगलों में आग लगने के 824 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें ढाई करोड़ के नुकसान का प्राथमिक मूल्यांकन वन विभाग की टीम द्वारा लगाया गया है. वहीं प्रदेश में धर्मशाला सर्कल में सबसे ज्यादा आग लगने के मामले सामने आये हैं, जिसके बाद हमीरपुर, मंडी व बिलासपुर सर्कल में जंगलों में आग लगने की घटनाएं पेश आयी हैं. 


इस बात की जानकारी देते हुए वन विभाग हिमाचल प्रदेश में वन सुरक्षा एवं अग्नि नियंत्रण के मुख्य अरण्यपाल मुनीश परवारी का कहना है कि धर्मशाला, हमीरपुर, मंडी व बिलासपुर सहित जिन इलाकों के जंगलों में चील के पेड़ ज़्यादा हैं, वहां तापमान के बढ़ने से चील के पत्ते गिरते जा रहे हैं और उनमें आग लगने से आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है. 


साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश के जिस भी इलाक़े व जंगल में आग लगने की सूचना मिल रही है. वहां वन विभाग व अग्निशमन विभाग की टीम आपसी सहयोग से आग पर काबू पाने के पूरे प्रयास कर रही है, मगर कई जगहों पर स्थानीय लोगों का भी पूर्ण सहयोग ना मिल पाने के कारण जंगलों में आग लगने से ज्यादा नुकसान देखने को मिल रहा है.


मुनीश परवारी ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि वह किसी भी तरह की लापरवाही ना करें और अगर अपने खेतों में आग लगाते है तो इसकी सूचना पहले वन विभाग की टीम को दें और जब तक आग बुझ नहीं जाती तब तक वहां से ना जाये ताकि खेतों की आग जंगलों तक ना पहुंच सके. 


साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि कोई भी शरारती तत्व जंगल में जानबूझ कर आग लगाने की कोशिश करता है तो इसकी सूचना तुरंत वन विभाग की टीम को दे व आग को बुझाने में वन विभाग की टीम का पूरा सहयोग करें. ताकि समय रहते आग पर क़ाबू पाया जा सके और आग लगाने वाले लापरवाह व्यक्ति के ख़िलाफ भी सख़्त कार्रवाई अमल में लायी जा सके.


रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर