Bilaspur News: शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर में श्रद्धालुओं ने चढ़ाया 40 किलो चांदी
Bilaspur News: बिलासपुर स्थित शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर में श्रद्धालुओं की अटूट आस्था दिखी. श्रद्धालुओं द्वारा माता रानी के चरणों में 40 किलो चांदी चढ़ाया गया.
Naina Devi Mandir: देवभूमि हिमाचल प्रदेश अपनी आस्था व संस्कृति के लिए विश्वभर में जाना जाता है. एक ओर जहां हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों व मठ मंदिरों में देशभर के श्रद्धालुओं की अटूट आस्था बनी हुई है, तो साथ ही हर साल लाखों की संख्या में भक्त इन मंदिरों का रुख कर अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना करते है.
वहीं 52 शक्तिपीठों में शुमार शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर पंजाब, हरियाणा व यूपी सहित देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. जहां समय-समय पर श्रद्धालु माता रानी के दरबार में सोने-चांदी का चढ़ावा चढ़ाते है. इसी के मद्देनजर एक बार फिर पंजाब के श्रद्धालुओं द्वारा करीब 40 किलो चांदी जिसकी बाजार में कीमत 33 लाख रुपए है. मां नैनादेवी के दरबार में भेंट की गई है. जिससे मंदिर के गर्भ गृह के स्तंभ सजेंगे.
वहीं चांदी को सजावट और स्थापित करने का कार्य बनारस और पंजाब के कारीगरों के द्वारा बखूबी किया गया है. इन स्तंभों में भगवान हनुमान जी व भैरव जी की मूर्ति सहित माता नैनादेवी और ओम की आकृति बहुत ही अच्छे तरीके से उकारी गई है. गौरतलब है कि बिलासपुर स्थित विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर में पंजाब की समाजसेवी संस्थाओं द्वारा कईं बार सोना-चांदी माता के चरणों में अर्पित करते आए है, इससे पहले दिल्ली की समाजसेवी संस्था के द्वारा माता के दरबार में सोने का गुंबद बनाकर अर्पित किया गया था और उसके बाद सोमवार को श्री नैनादेवी सेवा सोसायटी लुधियाना के द्वारा चांदी के स्तंभ माता के चरणों में अर्पित किए गए हैं.
श्री नैनादेवी जी सेवा सोसायटी लुधियाना के प्रधान बलवीर शर्मा और महासचिव राजकुमार गोयल ने बताया कि श्रद्धालुओं के द्वारा यह काफी समय से चांदी एकत्रित की जा रही थी ताकि माता रानी के जो स्तंभ है उन पर चांदी चढ़ाई जा सके और माता की असीम कृपा से ही चांदी पूर्णरूप से एकत्रित हो गई और श्रद्धालुओं ने दिल खोलकर इसमें दान दिया, जिसे आज बड़े ही चाव के साथ मां नैनादेवी के मुख्य द्वार के स्तंभों पर चढ़ाई जा रही है.
साथ ही उन्होंने बताया कि श्री नैनादेवी सेवा सोसायटी लुधियाना द्वारा साल में आने विभिन्न नवरात्र मेलों के दौरान श्रद्धालुओं के लिए खाने पीने की व्यवस्था करने के साथ ही कई तरह के सामाजिक कार्यों को करने में अग्रणी भूमिका निभा रही है.