Bilaspur News: जिला परिषद अधिकारी एवं कर्मचारी महासंघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल अब चौथे दिन में हो गई है. जिसके चलते प्रदेशभर में पंचायत स्तर पर विकास कार्य पूर्णतया प्रभावित हुए हैं. गौरतलब है कि प्रदेशभर में 4,700 जिला परिषद अधिकारी एवं कर्मचारियों की संख्या है. जिनमें करीब 1,700 महिला कर्मचारी भी शामिल हैं. वहीं हड़तालियों को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू से उम्मीद है कि शीघ्र ही उन्हें अन्य सरकारी विभाग में मर्ज करने की मांग को पूर्ण करेंगे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

महासंघ के पदाधिकारियों का कहना है कि जिला परिषद अधिकारी एवं कर्मचारियों को रेगुलर होने के उपरांत भी अन्य विभागों के कर्मचारियों की तर्ज पर वित्तीय एवं चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल रही हैं, जबकि उनके द्वारा करीब 28 विभागों का काम किया जाता है.


हिमाचल के निराश्रित बच्चों को CM सुक्खू ने दिए 4.68 करोड़ रुपये, बोले-यह दया नहीं, आपका हक


वहीं करीब 24 वर्षों से जिला परिषद अधिकारी एवं कर्मचारियों की अन्य विभाग में मर्ज करने की मांग चली आ रही है. साल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने उनके अन्य विभाग में विलय करने की अधिसूचना जारी की थी, लेकिन विडंबना यह रही की धरातल पर संबंधित एक उच्च अधिकारी ने निजी स्वार्थ के चलते उसे लागू ही नहीं किया, जिसका खामियाजा उन्हें आज तक भुगतना पड़ रहा है.


हिमाचल में कर्मचारी महासंघ की कलम छोड़ हड़ताल का चौथा दिन आज, मांग पूरी करने का कही बात


जब भी सरकारी कर्मचारियों की बात आती है तो नियमानुसार उन्हें सरकारी कर्मचारी नहीं समझा जाता है. महासंघ के पदाधिकारियों ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि अगर उनकी मांगों पर शीघ्र गौर नहीं किया गया तो उनकी यह हड़ताल अनिश्चितकाल तक जारी रहेगी और इस दौरान जिला परिषद के कार्यों में कोई भी बाधा आती है तो इसके लिए प्रदेश सरकार ही उत्तरदाई होगी.