विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा बिलासपुर में पर्यटन को बढ़ावा देने व गोविंद सागर झील में वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी करवाए जाने का उपायुक्त बिलासपुर का ड्रीम प्रोजेक्ट कामयाबी की कगार पर है. गोविंद सागर झील में एडवांस स्पीड मोटरबोट, जैट स्की, रेस्क्यू बोट्स, मिनी क्रूज व शिकारा पहुंच गई है. अब जल्द ही गोविंद सागर झील में यह सभी बोट्स चलती नजर आएंगी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कुल्लू, मनाली, मणिकर्ण और धर्मशाला जाने वाले पर्यटकों को बिलासपुर रोकने व पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे यह कदम सराहनीय हैं, लेकिन झील में क्रूज उतारने को लेकर रिश्वत लिए जाने का आरोप भी लगा है. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एमजी स्काई एडवेंचर कंपनी के सदस्य गौरव गर्ग द्वारा शिमला में प्रेसवार्ता कर लाखों रुपये दिए जाने का आरोप लगाया गया था, जिसमें प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी का जिक्र भी किया गया था. ऐसे में अब इस मुद्दे पर सियासी पारा गर्माने लगा है. 


Haryana में कहां किसने और कितना किया मतदान, यहां देखें चुनाव से जुड़ा पूरा डाटा


जी हां बिलासपुर के घुमारवीं में प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री राजिंद्र गर्ग ने कहा कि एमजी स्काई एडवेंचर कंपनी के सदस्य गौरव गर्ग द्वारा शिमला में प्रेसवार्ता कर गोविंद सागर झील में क्रूज उतारने को लेकर हुए टेंडर की एवज में उनके द्वारा घुमारवीं रेस्ट हाउस में मंत्री राजेश धर्माणी से मीटिंग कर पैसा देना काफी गंभीर मामला है, जिसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए. 


वहीं राजिंद्र गर्ग के बयान पर प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं. अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए पूर्व मंत्री ऐसे आरोप लगा रहे हैं. इसके साथ ही कहा कि पूर्व भाजपा सरकार में राजिंद्र गर्ग के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रहते बिना टेंडर के ही करोड़ों रुपये की सप्लाई दी गई थी. 


Captain Bhandari Ram के परिजनों ने हिमाचल प्रदेश सरकार पर लगाया ये आरोप
 
उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए आरोपों की चाहे सीबीआई से जांच करवाई जाई, एफबीआई से जांच करवाएं या फिर भाजपा विधायक दल की कमेटी का गठन कर उस कमेटी से जांच करवाएं. उन्हें कोई परेशानी नहीं है, बल्कि वह जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे. उन्होंने कहा कि गौरव गर्ग द्वारा शिमला में की गई प्रेसवार्ता में उनका नाम नहीं लिया गया, बल्कि यह झगड़ा दो पार्टनर के बीच है, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के ऊपर आरोप लगाए गए थे, लेकिन पूर्व मंत्री राजिंद्र गर्ग इस मामले में उनका नाम घसीटकर अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं जो सरासर गलत है. अगले 10 दिनों के भीतर वह इस मामले की सीबीआई से जांच करवाते हैं तो ठीक है, अन्यथा उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.


WATCH LIVE TV