Nalagarh News: केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल के 19 दवा उद्योगों में निर्मित 24 दवाएं, सिरप व इंजेक्शन सबस्टेंडर्ड पाए गए हैं.  जो दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नहीं उतरी हैं.


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जानकारी के अनुसार, उनमें फंगल इन्फेक्शन, कैंसर, टाइप 2 डायबिटीज, गंभीर जीवाणु संक्रमण, कार्डियक अरेस्ट, एंटीबायोटिक, श्वसन रोग, एंटी-इन्फ्लेमेटरी ड्रग, एनजाइना, अल्जाइमर, एंटीपैरासिटिक, पेट में अल्सर, बुखार सहित दर्द के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं शामिल हैं. 


इन दवाओं का निर्माण बद्दी, बरोटीवाला, वाकनाघाट, पांवटा साहिब स्थित दवा उद्योगों में हुआ है.  बद्दी स्थित एफी फार्मा उद्योग के पांच सैंपल फेल हुए हैं. इस उद्योग के खिलाफ पहले ही राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण कार्रवाई करते हुए दवा उत्पादन पर रोक लगा चुका है. 


सीडीएससीओ द्वारा जारी अक्टूबर माह के ड्रग अलर्ट में नई दिल्ली, जम्मू, राजस्थान, बिहार उत्तराखंड, बंगलुरु , कोलकाता, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट, चेन्नई में निर्मित 37 दवाएं भी सबस्टेंडर्ड पाई गई हैं. 


राज्य दवा नियंत्रक ने तुरंत हरकत में आते हुए ड्रग अलर्ट में शामिल तमाम दवा कंपनियों को नोटिस जारी कर संबंधित दवा का पूरा बैच बाजार से तत्काल वापस मंगवाने के निर्देश जारी कर दिए हैं. इसके साथ ही सहायक दवा नियंत्रकों को तमाम दवा उद्योगों का संयुक्त निरिक्षण कर विस्तृत जांच रिपेार्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. 


उधर, राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि सीडीएससीओ द्वारा जारी अक्टूबर माह के ड्रग अलर्ट में शामिल सभी संबंधित दवा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए संबंधित बैच का पूरा स्टाक वापस मंगवाने के निर्देश दे दिए गए हैं. इसके अलावा जिन उद्योगों के बार-बार सैंपल फेल हो रहे हैं, उन उद्योगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.