Durga Ashtmi: दुर्गा अष्टमी पर के भक्तों ने किए मां चिंतपूर्णी के दर्शन, शूलिनी मंदिर में सुबह से भक्तिमय माहौल
Ma Chintapurni Mandir: मां चिंतपूर्णी मंदिर में चैत्र नवरात्रि की दुर्गा अष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया. चिंतपूर्णी मंदिर के पुजारियों ने विशेष पूजा और अर्चना कर छप्पन भोग लगाएं.
Durga Ashtmi: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला के विश्व विख्यात शक्तिपीठ माता श्री चिंतपूर्णी के दरबार में चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन दुर्गा अष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर चिंतपूर्णी मंदिर परिसर में स्थित हवन कुंड में पूजारियों ने आहुतियां डालकर सुख समृद्धि की कामना की और नारियल की बलि दी.
इसके अलावा कन्या पूजन कर माता को छप्पन भोग अर्पित किए गए. वहीं बताते चले 9 अप्रैल से शुरू हुए चैत्र नवरात्रि मेले समाप्ति की ओर बढ़ रहा है. इस मेले अवधि के दौरान 70 से 80 हजार श्रद्धालुओं ने माता श्री चिंतपूर्णी के दरबार में हाजिरी भरी और नकदी अर्पित की.
वहीं चिंतपूर्णी मंदिर के पुजारी साहिल कालिया ने माता श्री चिंतपूर्णी के सभी भक्तों को दुर्गा अष्टमी की बधाई दी और कहा कि देश विदेश में रहने वाले माता के भक्तों पर माता का आशीर्वाद यूं ही बना रहे. वहीं श्रद्धालुओं की माने तो वह दूर दराज से आए है और माता के दर्शन कर उनको मन को सकून मिला है.
इसके साथ ही सोलन की अधिष्ठात्री देवी माता शूलिनी के मंदिर में दुर्गा अष्टमी के पावन अवसर पर सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. भक्त दुर्गा अष्टमी के अवसर पर माता के अष्टम स्वरूप महागौरी की विधिवत पूजा अर्चना कर सभी की खुशहाली की कामना कर रहे है. मंदिर में भजन कीर्तन से माहौल पूरी तरह से भक्तिमय बना हुआ है. वहीं प्रशासन द्वारा व्यवस्थित तरीके से श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए जा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि माता शूलिनी के नाम से ही सोलन शहर का नाम पड़ा व यहां के लोगों पर माता शूलिनी की पूरी कृपा रहती है. माता शूलिनी को शूल नाशिनी यानि दुखों का संहार करने वाली माता भी कहा जाता है. ये ही कारण है कि यहां पर दूर-दूर से भक्त जन अपनी मुरदा लेकर पहुंचते है. व सच्चे मन से की हुई मुराद अवश्य पूर्ण होती है.
दुर्गा अष्टमी के पावन अवसर पर भक्तों ने बताया कि माता शूलिनी में उनकी अपार आस्था है. दूर दूर से मां के दिदार के लिए भक्त नवरात्रों में माता के दरबार पहुंचते है. उन्होंने बताया कि माता रानी सभी की मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं. उन्होंने कहा कि दुर्गा अष्टमी पर उन्होंने विधिवत माता की पूजा, अर्चना व आरती कर अपने व परिजनों की खुशहाली की कामना की है.