राकेश मल्ही/ऊना: कांग्रेस के बागी पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के भाजपा का दामन थामते ही प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के विशेष आमंत्रित सदस्य और कांग्रेस टिकट से तीन बार विधायक रहे राकेश कालिया ने भाजपा से त्यागपत्र दे दिया है. हालांकि उन्होंने अभी अन्य किसी राजनीतिक दल का दामन नहीं थामा है. उन्होंने कहा है कि गगरेट और चिंतपूर्णी की जनता के साथ जिला ऊना के बुद्धिजीवी वर्ग से चर्चा कर अगला कदम उठाएंगे.  


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पहले कांग्रेस छोड़ थामा था बीजेपी का दामन 
हालांकि अब देखना यह होगा कि राकेश कालिया के इस फैसले से गगरेट और चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र की राजनीति पर क्या असर होगा. अब सबकी निगाहें इसी पर होंगी. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव पद के साथ मध्य प्रदेश के सह प्रभारी रहे राकेश कालिया का वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट काटकर कांग्रेस ने चैतन्य को मैदान में उतारा था. इसके विरोध में कालिया ने कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा का दामन थामा था.


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क्या है राकेश कालिया के इस्तीफा देने का कारण
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल को त्यागपत्र भेजते हुए कालिया ने कहा कि चैतन्य जब कांग्रेस में आए थे तो उन्होंने कांग्रेस नेताओं को आगाह करने के लिए पार्टी से त्यागपत्र दिया था. अब चैतन्य भाजपा की राजनीति को दूषित न करें, इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. चैतन्य को लेकर कालिया शुरू से ही आक्रामक रहे हैं और कई कार्यक्रमों में उन पर ताबड़तोड़ हमले भी करते रहे हैं.


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चैतन्य की कार्यशैली को जानती है गगरेट की जनता
उन्होंने कहा कि गगरेट की जनता चैतन्य की कार्यशैली को जानती है. किस तरह गगरेट की जनता को उन्होंने खून के आंसू रुलाया है, उसे भी जनता अभी भूली नहीं है. उन्होंने कहा कि जल्द ही वह अपनी अगली रणनीति तय करेंगे. राकेश कालिया के भाजपा से त्यागपत्र देने पर उनके समर्थकों को भी उम्मीद जगी है कि वह शीघ्र ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.


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