समीक्षा रानी/शिमला: हिमाचल प्रदेश 1 जनवरी, 2019 के बाद पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों (Commercial vehicle) को आपातकालीन (Emergency) प्रतिक्रिया समर्थन प्रणाली (ईआरएसएस) के साथ एकीकृत करने वाला देश का पहला राज्य बनकर उभरा है. वहीं, निर्भया कांड के बाद साल 2017 में केंद्र द्वारा निर्देश जारी किए जाने के बाद परिवहन विभाग ने वाणिज्यिक वाहनों के पंजीकरण के लिए वाहन लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन लगाना अनिवार्य कर दिया था. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सीएम ने किया ट्वीट
सीएम ठाकुर ने लिखा कि ऐसा पहली बार हुआ है. आज एक अभिनव पहल करते हुए प्रदेश परिवहन विभाग के व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और आपातकालीन बटन निगरानी केंद्र का शुभारंभ किया. यह प्रणाली वाहनों की चोरी और वाहनों से जुड़े अपराधों आदि को रोकने में मददगार साबित होगी. ऐसे में परिवहन विभाग एवं प्रदेशवासियों को बधाई. 



बता दें, अब तक 10 हजार के करीब वाणिज्यिक वाहनों (Commercial vehicle) में उपकरण लगाए जा चुके हैं.  पैनिक अलार्म पुलिस मुख्यालय में ईआरएसएस की निगरानी से जुड़ा है.  परिवहन कार्यालय में भी उपकरणों की निगरानी की जा रही है. जब पैनिक बटन दबाया जाता है, तो उपग्रह के माध्यम से 112 पर एक संकेत प्राप्त होता है. जिसके बाद उस शख्स से संपर्क किया जाता है और पुलिस को भी सतर्क किया जाता है. 


Adnan Sami ने इंस्टाग्राम से सारे पोस्ट डिलीट कर कहा 'अलविदा', फैंस हुए परेशान


ऐसा होने से हिमाचल वाणिज्यिक वाहनों को ईआरएसएस के साथ एकीकृत करने वाला पहला राज्य बन गया है. जिसका औपचारिक उद्घाटन आज यानी मंगलवार को सीएम जयराम ठाकुर द्वारा किया गया. 


अनुपम कश्यप ने जानकारी देते हुए कहा कि इस डिवाइस की सहायता से गाड़ी को ट्रैक किया जाएगा और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में इसका कंट्रोल रूम बनाया गया है. कंट्रोल रूम इन सभी गाड़ियों की मॉनिटरिंग करेगी. ऐसे में पैसेंजर या ड्राइवर किसी के भी साथ अगर कोई घटना हो जाती है या फिर गाड़ी में कोई भी समस्या आती है, तो उसको मॉनिटर कर लिया जाएगा. ये डिवाइस ऐसे सभी वाहनों में लगाए गए हैं ,जहां पब्लिक के लिए गाड़ी चलती हैं, अनुपम कश्यप ने कहा कि आने वाले समय मे सभी जगहों पर चलनी वाली गाड़ियों में यह आपातकालीन बटन लगाई जाएगी.  


Watch Live