Mobile Veterinary Service: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के सरकार के लक्ष्य के तहत आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने सरकारी आवास ओक ओवर से पशु पालन विभाग की मोबाइल पशु चिकित्सा वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है. प्रदेश में कुल 44 मोबाइल पशु चिकित्सा वैन विभिन्न ब्लाक में अपनी सेवाएं देगी. पशु के बीमार होने पर किसान टॉल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1962 पर कॉल करके सेवा का लाभ ले सकेंगे. इस मौक़े पर पशु पालन मंत्री चंद्र कुमार भी विशेष रूप से मौजूद रहे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल सरकार हर वर्ग के हित में काम कर रही है और पशुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाना भी सरकार का सामाजिक दायित्व है. सरकार किसानों और गांव के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है इसी दिशा में मोबाइल पशु चिकित्सा वैन को आज शिमला से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में पशु चिकित्सा सेवाएं किसी भी कार्य दिवस पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक उपलब्ध रहेंगी. बताया जा रहा है कि वैन में एक डॉक्टर और एक वेटनरी फार्मासिस्ट मौजुद रहेगा.


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को 7.04 करोड़ रुपये की लागत से पहले चरण में 44 विकास खंडों के लिए 1962-मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा की शुरुआत की. बिलासपुर, ऊना, सोलन और कुल्लू जिलों को तीन-तीन, लाहौल-स्पीति को दो, मंडी और शिमला को पांच-पांच, चंबा, सिरमौर और हमीरपुर को चार-चार, किन्नौर को एक और कांगड़ा जिले को सात मोबाइल एंबुलेंस उपलब्ध कराई जा रही हैं.


यहां जारी एक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पशु संजीवनी कॉल सेंटर का भी उद्घाटन किया. सुक्खू ने कहा कि इन सेवाओं के शुरू होने से राज्य के किसी भी हिस्से से किसान किसी भी आपातकालीन स्थिति में पशुओं की गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए टोल-फ्री नंबर 1962 पर कॉल कर सकते हैं और अपने घर-द्वार पर पशु चिकित्सा सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं.