CM सुक्खू ने प्रोफेसर सिमी अग्निहोत्री को दी श्रद्धांजलि, प्रार्थना सभा में परिवार संग बैठकर कही ये बात
Una News in Hindi: प्रोफेसर सिमी अग्निहोत्री की श्रद्धांजलि व प्रार्थना सभा में हजारों लोगों ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू भी पहुंचे.
Una News: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला के गोदपुर जयचंद गांव में हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की धर्मपत्नी सिम्मी अग्निहोत्री की प्रार्थना सभा व श्रद्धांजलि कार्यक्रम में हजारों लोगों ने अपनी नम आंखों से श्रद्धांजलि दी.
इस प्रार्थना सभा व श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कांग्रेस और बीजेपी के तमाम नेता भी पहुंचे हुए थे और इन सभी ने नम आंखों से प्रोफेसर सिमी अग्निहोत्री को श्रद्धांजलि दी. कई घंटे चले इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोगों ने वहां पहुंचकर सिमी अग्निहोत्री को श्रद्धांजलि दी व पारिवारिक सदस्यों के साथ दुख सांझा किया.
वहीं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू भी सिम्मी अग्निहोत्री को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. उन्होंने डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री को दुख की इस घड़ी में उनके साथ दुख सांझा किया और सिम्मी अग्निहोत्री को फोटो पर फूल अर्पित कर सच्ची श्रद्धांजलि दी. साथ ही कुछ समय डिप्टी सीएम के परिवार के साथ बैठे.
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में डिप्टी सीएम व उनकी बेटी आस्था अग्निहोत्री साथ ही अन्य पारिवारिक सदस्य अपने पारिवारिक सदस्य के चले जाने के कारण दुख में डूबे हुए थे. मुख्यमंत्री ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि सिमी अग्निहोत्री और मैं विश्वविद्यालय में साथ में पड़े हैं. पढ़ने के बाद वह विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बनी और अचानक इस दुनिया को छोड़कर चली गई.
उन्होंने कहा की यह सच्चाई भी है कि हम सबको एक दिन जाना है, लेकिन सिम्मी अग्निहोत्री बहुत कम उम्र में हमको छोड़कर चली गई. पिछले दिनों उनसे बातचीत हुई वह एक मिलनसार महिला थी और माता चिंतपूर्णी में उनकी बहुत आस्था थी. वह जीवन में सजग और सरल व्यक्तिगत की महिला थी. दो दिन बाद माता का जगराता होना था. हमें निमंत्रण भी मिला था पर क्या मालूम था कि वह हमें अचानक छोड़कर चली जाएंगी.
कैबिनेट बैठक के बाद हमें अगले दिन जानकारी मिली कि अस्पताल जाते समय उन्होंने अंतिम सांस ली है. हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि जिस सोच व सरोकार को लेकर सिम्मी चली हुई थी उसको आगे बढ़ाएं. आस्था और सिम्मी दोनों सहेलियां थीं. मां बेटी के रिश्ते का कोई मूल्य नहीं होता. इस समय हमारी श्रद्धांजलि यही होगी कि उनकी यादों के साथ हमें जीना है. मुकेश को पिता के साथ-साथ माता का फर्ज भी अदा करना है.
वहीं आस्था अग्निहोत्री ने अपनी मां को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मेरी अचीवमेंट की परिभाषा मेरी मम्मा थीं. वह मेरी मां और सबसे अच्छी सहेली थी मैं अपने जीवन में जो कुछ कर पाई वह मैं अपनी मां की बदौलत कर पाई. मेरी मां की बदौलत ही मैं पीएचडी कर पाई और मेरे पिता के राजनीतिक सफर में भी मेरी मां का अहम योगदान रहा है. आस्था अग्निहोत्री ने अपनी मां को लेकर कुछ बातें भी मंच पर सबके सामने सांझा की जिसको सुनकर सबका दिल पसीज गया.