Himachal Pradesh/अरविंदर सिंह: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी ने बढ़ती मंहगाई, बेरोजगारी, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सेवाओं के निजीकरण देश के प्राकृतिक और सार्वजनिक सेवाओं के निजीकरण, देश में धर्म के नाम पर फ़ूट डालने और तानाशाही के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. लोग गांधी चौक पर इकठ्ठा हुए और गांधी चौक से डीसी ऑफिस तक रैली निकाली उसके उपरांत धरना दिया. धरने को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के राज्य सचिवालय सदस्य डॉ कश्मीर सिंह ठाकुर ने संबोधित किया.


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उन्होंने कहा कि कि बढ़ती महंगाई से लोगों की रसोई का बजट बिगड़ गया है जरूरी खाद्य पदार्थों के दाम आसमान छू रहे हैं और आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रहे हैं. जब किसान अनाज पैदा करता है तो उसके उत्पाद को खरीदने के लिए कोई सरकारी व्यवस्था नहीं है और किसानों को अपने उत्पाद औने-पौने दाम पर बेचने पड़ते हैं और लागत का दाम भी पूरा नहीं मिलता है जिसके कारण देश में किसानों की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो रही है और देश में हर 20 मिनट में एक किसान आत्महत्या कर रहा है. देश में खाद्य उत्पादों पर नियंत्रण कर कंपनियां अपनी मनमानी के दाम तय कर रही हैं. अधिकांश सरसों के तेल के बाजार पर बाबा रामदेव और फॉर्च्यून (अडानी) का कब्जा हो गया है जो कि मनमर्जी से जनता को लूट रहे हैं.


देश में बेरोजगारी भयंकर रूप ले चुकी है और सरकारें ऐसी नीतियां लागू कर रही हैं जिससे बेरोजगारी और बढ़ रही है जो कि बेहद ही खतरनाक है. प्रदेश में बिजली, पानी के निजीकरण से भी जनता की आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है. वहीं दूसरी तरफ देश और प्रदेश के प्राकृतिक और सार्वजनिक संसाधनों को भी निजी कॉरपोरट को सौंपा जा रहा है. बाकी देश की जनता पर भारी भरकम टैक्स gst लगाकर लूटा जा रहा है. दूसरी तरफ मोदी सरकार ने 10 सालों में बड़े बड़े कॉर्पोरेट के 17 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर दिए हैं. जब देश के प्राकृतिक और सार्वजनिक संसाधनों को लूटा जा रहा है तो लोगों के जीवनयापन के मसलों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए धर्म के नाम पर फ़ूट डालने और राज करने वाली नीति को अपनाया जा रहा है जिससे देश की अखंडता को भी खतरा पैदा हो गया है.