Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को सदन को बताया कि राज्य में क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में धोखेबाजों द्वारा कम से कम 2,000 करोड़ रुपये की ठगी की गई है, जिसमें पिछले तीन वर्षों में 89 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 20 एफआईआर दर्ज की गईं.


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कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल के लिखित जवाब में सुखू ने कहा कि अब तक छह लोगों को 11.36 लाख रुपये वापस किए गए हैं. क्रिप्टो करेंसी घोटाले की शुरुआत 2018 में पीड़ितों को ठगने से हुई थी, लेकिन यह 2022 में सामने आया, जब धोखाधड़ी के अपराधियों ने निवेशकों को चुप रहने या अपना पैसा खोने की धमकी दी. घोटालेबाजों ने कम समय में अच्छे रिटर्न का वादा करके भोले-भाले लोगों को लुभाया और निवेशकों का एक नेटवर्क बनाया. पुलिसकर्मियों सहित समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को ठगा गया.


पठानिया ने पिछले तीन वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी के कितने मामले दर्ज किए गए, कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया और इन धोखाधड़ी में कितनी धनराशि का नुकसान हुआ, इसका विवरण मांगा.


इसका जवाब देते हुए सीएम ने कहा, "89 लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनके खिलाफ कई आरोपपत्र दायर किए गए. उन्हें विशेष जांच टीमों द्वारा जांच की जा रही 20 एफआईआर के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया."


सूत्रों ने बताया कि 2,000 करोड़ रुपये के क्रिप्टोकरंसी घोटाले में पिछले साल सामने आया 1,740 करोड़ रुपये का बिटकॉइन घोटाला भी शामिल है, जिसमें पुलिस के अनुसार हिमाचल प्रदेश में करीब एक लाख लोगों को डबल रिटर्न का लालच देकर विभिन्न वेबसाइटों और क्रिप्टो कॉइन के जरिए ठगा गया। घोटाले का मास्टरमाइंड सुभाष शर्मा अभी भी फरार है. पुलिस का मानना ​​था कि वह दुबई में छिपा हुआ था और बाद में उसने अपना ठिकाना बदल लिया. उसके करीबी सहयोगी मिलन गर्ग को 17 जुलाई को कोलकाता में गिरफ्तार किया गया. मंडी, ऊना, बिलासपुर और कांगड़ा जिलों से एक घोटाले से जुड़ी 400 से अधिक शिकायतें मिली थीं.