Mandi News: उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंडी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र के जंजैहली (चोलूथाच) में सिविक सेंस सोसायटी के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय सराज टेलेन्ट एंड टूरिज्म फेस्टिवल के समापन समारोह की अध्यक्षता की. 


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इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि सोसायटी द्वारा इस महोत्सव के माध्यम से एक बहुत अच्छा प्रयास किया गया है, जिसमें स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता प्रदान की जा रही है. उन्होंने कहा कि यहां के स्थानीय लोग अपनी परम्परागत वेश-भूषा और स्थानीय बोली में यहां की संस्कृति को संरक्षित करने में जुटे हैं. 


उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार लोक संस्कृति एवं लोक मान्यताओं के संरक्षण के लिए निरंतर कार्य कर रही है. पहाड़ की संस्कृति आपस में गहरे से जुड़ी है और विशेषतौर पर कुल्लू व मंडी जिला की संस्कृति में काफी समानताएं हैं. उन्होंने कहा कि ढाटू व टोपी हमारी पहचान हैं. आज राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिमाचली वेशभूषा प्रसिद्ध है.


हमारा प्रयास है कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के अंतर्गत हिमाचल के लोक सांस्कृतिक दलों को देश व विदेश में भेजा जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के बड़े मेलों में एक सांस्कृतिक संध्या स्थानीय कलाकारों के लिए समर्पित करने तथा इन कार्यक्रमों पर व्यय होने वाली राशि में से 50 प्रतिशत स्थानीय कलाकारों पर खर्च हो, ऐसे प्रयास भी भाषा संस्कृति विभाग द्वारा किए जा रहे हैं. 


इस दौरान उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने पहाड़ को मान्यता एवं पहचान दिलाने तथा हिमाचल के गठन में प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. वाई.एस. परमार के प्रयासों को प्रदेशवासी कभी नहीं भूल सकते. उन्होंने पहाड़ी संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के प्रयासों को भी याद किया. 


रिपोर्ट- नितेश सैनी, मंडी