Dharamshala News: कहते हैं शौक बड़ी चीज है, लेकिन हर काम शौक के लिए नहीं किया जाता. कुछ काम घर के हालात और मजबूरियां भी करने को मजबूर कर देती हैं. पति का साया सिर से उठा तो महिला ने कार का स्टेयरिंग छोड़कर आजीविका के लिए ट्रक का स्टेयरिंग संभाल लिया. 


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हम जिक्र कर रहे हैं जिला सोलन के अर्की की रहने वाली नीलकमल ठाकुर की, जिन्हें गुरुवार को धर्मशाला पहुंचने पर सम्मानित किया गया. नीलकमल ठाकुर करीब 8 साल से खुद दो ट्रक चला रही हैं. पति का साया सिर से उठ जाए तो महिला के कंधों पर ही परिवार का जिम्मा आ जाता है. 


पति की मौत के बाद हालांकि नीलकमल ठाकुर ने ड्राइवर रखकर ट्रकों का संचालन शुरू किया था, लेकिन सही ढंग से काम नहीं हो पा रहा था. जहां ट्रक भेजे जाते थे. समय पर नहीं पहुंचते थे. ऐसे में पति के रहते कार चलाने वाली नीलकमल ने कार छोड़कर ट्रक पर हाथ आजमाया.  अब नीलकमल ट्रक लोड करके चंडीगढ़, ऊना, रोहतांग, मनाली, किन्नौर, सिरमौर तक का सफर कर लेती हैं. 


महिला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शौक तो नहीं था, लेकिन हालात ने ट्रक चलाने को मजबूर कर दिया. पति की मौत के बाद आय का कोई साधन नहीं था. ड्राइवर भी रखे लेकिन सही ढंग से काम नहीं हो पा रहा था. मैं पहले कार चलाती थी, फिर सोचा क्यों न ट्रक चलाया जाए, तब से लेकर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 


वहीं, एचआरटीसी धर्मशाला में आरएम साहिल कपूर ने बताया कि मुझे पता चला कि महिला लोडेड ट्रक लेकर एचआरटीसी वर्कशॉप आई हैं.  दोनों ही ट्रक खुद ही चलाती हैं, ट्रकों की मरम्मत पर भी अच्छा ध्यान रखती हैं. इन्हें देखकर अच्छा लगा कि महिलाएं भी पुरुषों के समान कार्य तो करती ही हैं. सामान से भरा हुआ ट्रक भी आसानी से हेंडल कर सकती हैं. 


रिपोर्ट- विपिन कुमार, धर्मशाला