Dharamshala News: प्रदेश के दुर्गम क्षेत्र बड़ा भंगाल को देश-दुनिया से जोड़ने की कवायद में बीएसएनएल जुट गया है. हाल ही में बीएसएनएल ने बड़ा भंगाल में 4जी नेटवर्क हेतू टॉवर लगाने के लिए सर्वे भी पूरा करवा लिया है.


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बीएसएनएल ने अपनी सहयोगी टीम के साथ 5 दिनों तक सर्वे के दौरान लैंड फिजिविलिटी, आबादी का सर्वे किया है. हालांकि बीएसएनएल ने बड़ा भंगाल में 4जी टॉवर की ओर कदम बढ़ा दिया है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती टॉवर उपकरण बड़ा भंगाल तक पहुंचाना रहेगा. इसके लिए बीएसएनएल प्रबंधन अपनी सहयोगी कंपनी से विचार विमर्श करने की बात कह रहा है.


वर्तमान में बड़ा भंगाल में सेटेलाइट फोन ही क्षेत्र के लोगों से संपर्क का जरिया है. उस पर भी मौसम खराब होने की स्थिति में संपर्क करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में अब बीएसएनएल ने बड़ा भंगाल को देश-दुनिया से जोड़ने की पहल की है. 


गौरतलब है कि प्रदेश के जिला कांगड़ा के दुर्गम क्षेत्र में शुमार बड़ा भंगाल की आबादी 350 के करीब है. सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में बड़ा भंगाल के लोग आज भी इंटरनेट सुविधा से महरूम हैं. हालांकि बड़ा भंगाल के काफी लोग सर्दियों में बीड़ क्षेत्र में आ जाते हैं, जबकि पीछे भी कुछ लोग देखरेख के लिए रहते हैं.


बीएसएनएल की 4जी सेवाएं शुरू होने से बड़ा भंगाल के लोगों को भी देश-दुनिया में क्या हो रहा है, इसकी पल-पल की खबर मिलना शुरू हो जाएगा. बड़ा भंगाल में बीएसएनएल 4जी के दो प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं, जिनमें एक सेचुरेशन का है और दूसरा फेस 9.2 सेचुरेशन के माध्यम से बड़ा भंगाल में बीएसएनएल टॉवर लगाएगा. 


जिला कांगड़ा के अति दुर्गम बड़ा भंगाल में 4जी नेटवर्क के लिए हाल ही में बीएसएनएल ने ज्वाइंट सर्वे किया है. पांच दिवसीय सर्वे के दौरान टीम ने लैंड फिजिविलिटी चेक की, साथ ही वहां की आबादी का सर्वे भी किया गया है, जिसमें साढ़े तीन सौ के करीब आबादी आंकी गई है.


बड़ा भंगाल को पूरे विश्व से जोड़ने के लिए बीएसएनएल प्रयासरत है तथा जल्द वहां पर 4जी टॉवर स्थापित किया जाएगा. टॉवर लगाने के लिए उपकरण कैसे पहुंचाए जाएंगे, यह बीएसएनएल के समक्ष बड़ी चुनौती है. बीएसएनएल के साथ जो कंपनियां जुड़ी हैं, उनसे भी निगम द्वारा विचार विमर्श किया जाएगा कि किस तरह से टावर के उपकरण व सामान को बड़ा भंगाल पहुंचाया जाए.


रिपोर्ट- विपिन कुमार, शिमला