अरविंदर सिंह/हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में बाहरी राज्यों से आए लोगों का बिना पहचान पत्र के समान बेचने के खिलाफ अब जिला परिषद सदस्य पवन कुमार मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजेंगे, जिसके लिए अगामी बैठक में प्रस्ताव भी डालेंगे. जिला परिषद सदस्य पवन कुमार ने बताया कि भोरंज विधानसभा क्षेत्र में बिना पंजीकरण के बाहरी राज्यों के लोग गांवों-गांवों में घूम कर सामान बेच रहे हैं, जिसके कारण क्षेत्र में आए दिन चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं.


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पवन कुमार ने कहा कि इस क्षेत्र में बाहरी राज्यों से आए लोग ही फेरी, भीक्षा, बहरूपियों, कबाड़ और बाजारों में रेहड़ी लगाते पाए गए हैं, जिनमें से कुछ लोगों के पास पुलिस वेरीफिकेशन भी नहीं है तो कुछ लोगों के पास आधार कार्ड ही नहीं हैं. इन लोगों में ऐसे लोग भी हैं, जिनके पहचान पत्र में एक ही जन्मतिथि के कई लोग हैं. यही लोग गांवों की रेकी कर रहे हैं. ऐसे ही लोग आए दिन चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. गौरतलब है कि भोरंज की धमरोल पंचायत ने प्रस्ताव पास किया है, जिसमें ग्राम पंचायत में बिना पुलिस वेरीफिकेशन और बिना प्रधान की अनुमति से नहीं आ सकते हैं.


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जिला परिषद सदस्य पवन कुमार ने बताया कि यह पत्र हमीरपुर जिला व भोरंज विधानसभा क्षेत्र के लिए डाला गया है. उन्होंने कहा कि बाहरी राज्य से फेरी व रेहड़ी लगाने वाले लोग जिनके न तो आधार कार्ड हैं और न ही इनके पास कोई पहचान पत्र है. उन्होंने कहा कि यही लोग हैं जो गांव की रैकी कर चोरियों की वारदात को अंजाम दे रहे हैं.


उन्होंने कहा कि यही लोग लव-जिहाद के मामलों को बढ़ा रहे हैं. पवन कुमार ने कहा कि आगामी जिला परिषद बैठक में प्रस्ताव पास किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत पत्र लिखकर बाहरी राज्यों से आए लोगों को बिना जांच पड़ताल के ग्रामीण क्षेत्रों में समान बेचने पर रोक लगाने की मांग करने की बात कही. पवन कुमार ने जिला के सभी प्रधानों से आग्रह किया कि इस गंभीर विषय पर सभी एकजुट होकर काम करें और जनता को जागरूक करें. 


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वहीं, उन्होंने जिला में बढ़ते चिट्टा के मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले 3 से 4 वर्षों से चिट्टे के विरूद्व भी समाज में आवाज उठाई गई. उन्होंने कहा कि हिमाचल के मख्यमंत्री और जिला प्रशासन को भी प्रस्ताव डाला था. 2 ग्राम और 3 ग्राम वाला तो पकड़ा जाता है, लेकिन बड़ा माफिया क्यों नहीं पकड़ा जा रहा है.


उन्होंने कहा कि सीमा पर हमारे बीएसएफ के जवान हैं जो हर गतिविधि पर नजर रखते हैं तो फिर ये चिट्टा निकलता कहां से है. उन्होंने कहा कि जिला में उच्च अधिकारी बैठे हैं, इसके बावजूद ये लोग कैसे बच्चों को अपनी गिरफ्त में ले रहे हैं. इस पर चिंतन करना पड़ेगा और ठोस कदम उठाने पड़ेंगे. उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर कमेटियां बनाई जाएं और अच्छे लोगों को कमेटी में शामिल किया जाए ताकि ये चिट्टा सप्लाई कर रहे लोगों पर नजर रखें.


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