Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए जिला व उपमंडल स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन करवा रही है ताकि शहरी व ग्रामीण इलाकों के होनहार खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने व अपनी प्रतिभा को दिखाने का मंच मिल सके.


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इसी के मद्देनजर बिलासपुर जिला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या पाठशाला घुमारवीं में जिलास्तरीय अंडर 19 छात्रा खेल-कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्मानी ने की. 


वहीं, इस चार दिवसीय प्रतियोगिता में बिलासपुर जिला के 23 सरकारी स्कूलों से 678 छात्रा खिलाड़ियों ने भाग लिया है जो कि हैंडबॉल, कब्बडी, खो-खो, बैडमिंटन, वॉलीबॉल, हॉकी, फुटबाल, बास्केट बॉल, बॉक्सिंग, चैस, योगा व टाईकमांडो जैसे खेलों में भाग लेंगी. 


बता दें, राजेश धर्मानी ने रिबन काटकर, झंडा रोहण कर खिलाड़ियों द्वारा मार्च पास्ट की भी ली. वहीं खेलकूद प्रतियोगिता के दौरान स्कूल प्रबंधन की एक बड़ी लापरवाही तब देखने को मिली जब खिलाड़ियों द्वारा मार्च पास्ट की सलामी देने के बाद उन्हें चिलमिलाती धूप में गर्म फर्श पर नीचे ही बिठा दिया गया और आयोजक व मुख्यातिथि मंच से भाषण देते नजर आए. 


खेलकूद प्रतियोगिता की शुरुआत कैबिनेट मंत्री राजेश धर्मानी ने बैडमिंटन कोर्ट में खुद बैडमिंटन खेलकर की. जिसे देखकर छात्रा खिलाड़ी काफी खुश नजर आईं. वहीं इस मौके पर राजेश धर्मानी ने कहा कि खेलों के बगैर शिक्षा अधूरी है और स्कूली छात्रों के मानसिक विकास के साथ शारीरिक विकास होना भी जरूरी है, जिसे देखते हुए खेलकूद, सांस्कृतिक, एनसीसी, स्कॉउट गार्ड जैसी विभिन्न तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है. 


वहीं, जिलाभर से आई छात्रा खिलाड़ियों को गर्म फर्श पर नीचे बिठाने पर पूछे गए सवाल के जबाव में मंत्री राजेश धर्मानी ने कहा कि यह जरूरी है कि सभी तरह की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन प्रदेश में स्कूली संस्थानों की संख्या जिस तरह बढ़ी है उससे क्वालिटी में कमी देखने को मिली है. आज के समय में हिमाचल प्रदेश शिक्षा क्वालिटी में 21वें पायदान पर आ पहुंचा है. 


वहीं वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि देश में चुनाव का होना लोकतंत्र के महापर्व के रुप में मनाया जाता है, जिसमें करोड़ों मतदाता भाग लेते हैं मगर वन नेशन वन इलेक्शन होने से पांच साल में एक बार तो चुनाव हो जाएगा मगर पांच साल तक लोकतंत्र की अहमियत को कम करता है. इसलिए यह जरूरी है कि अलग-अलग चुनावों के आयोजन से जहां जनता मौजूदा मुद्दों को लेकर मतदान करेगी तो जनता की समस्याएं भी समय-समय पर सरकार तक पहुंचती रहेगी, जिससे लोकतंत्र की अहमियत बरकरार रहेगी.


रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर