Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश में बांस उत्पादकों के लिए प्रदेश सरकार एक सहकारी सभा बनाएगी ताकि उनके द्वारा निर्मित प्रोडक्ट्स को मार्केट में पहचान मिल सके और उनकी आर्थिकी में भी बेहतर सुधार हो सके. इसी के मद्देनजर बिलासपुर के घुमारवीं में जाइका वानिकी परियोजना द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रदेश के टीसीपी, हाउसिंग एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्मानी ने की. 


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कार्यशाला के दौरान राजेश धर्मानी ने जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों के स्टॉल का अवलोकन किया. साथ ही बैंबू इंडिया के फाउंडर एंड सीईओ योगेश शिंदे ने बांस निर्मित उत्पादों से लोगों को आजीविका कमाने और उनकी आर्थिकी सुदृढ़ करने बारे विस्तृत जानकारी दी. 


वहीं, इस दौरान राजेश धर्मानी ने कहा कि बांस उत्पादकों की आर्थिकी में सुधार हो इसके लिए प्रदेश सरकार हर संभव सहयोग करेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया के साथ वह एक साल से चर्चा कर रहे थे कि ऐसे समुदायों को आजीविका कमाने के बेहतर अवसर कैसे प्राप्त हो सके. इसके लिए नई योजना बनाने की जरूरत है. 


वहीं, राजेश धर्माणी ने कहा कि बांस उत्पादकों के लिए जो सहकारी सभा बनेगी उसके मालिक वह खुद ही होंगे.  उनके उत्पादों को बेचने के लिए प्रदेश के नेशनल हाइवे के समीप स्वयं सहायता समूहों के लिए स्थान चिंहित किया जाएगा ताकि बांस उत्पादों से रोजगार के द्वार भी खुल सके. 


साथ ही उन्होंने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना की ओर से इस प्रोजेक्ट के लिए अभी एक करोड़ का बजट प्रस्तावित है. जिसे आने वाले समय में और बढ़ाया जाएगा. वहीं कार्यशाला के दौरान जाइका वानिकी परियोजना के प्रोग्राम मैनेजर डा. कौशल्या कपूर, विषय वस्तु विशेषज्ञ डा. उल्शिदा व एफटीयू को-ऑर्डिनेटर सहित विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधि मौजूद रहे. 


रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर