अरविंदर सिंह/हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर में दर्द निवारक दवाई टपेंटडोल का रिकॉर्ड मेंटेन न करने पर आठ मेडिकल स्टोर संचालकों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं. इनके लाइसेंस तीन दिन के लिए रद्द किए गए हैं. ये लोग तीन दिन तक अपने स्टोर नहीं खोल पाएंगे. 


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इसी समयावधि में टपेंटडोल की बिक्री के संदर्भ में रिकॉर्ड भी औषधि विभाग को प्रस्तुत करना होगा. अगर ये लोग तीन दिन के भीतर सही रिकॉर्ड पेश नहीं कर पाए तो सस्पेंशन लंबी चल सकती है. विभागीय कार्यवाही से आठ मेडिकल स्टोर संचालकों की दुकानों पर ताला लटक गया है. इन्होंने अपनी दुकानों के बाहर तीन दिन दुकान बंद रहने के नोटिस भी लगा दिए हैं.


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बता दें, हमीरपुर जिला में चिट्टे का नशा करने वाले मरीजों को उपचार के लिए टपेंटाडोल दवाई दी जाती है. यह कोई नारकोटिक ड्रग नहीं है, लेकिन इसका दुरुपयोग किया जा रहा था. नशा छुड़ाने के लिए दी जा रही यह दवाई ही नशे का कारण बन गई. मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सा विभाग से इसे लिखा जाता है.


नशे के साथ पुलिस द्वारा पकड़े गए कुछ युवकों से पूछताछ में एक किराना स्टोर का नाम सामने आया था. उसी मामले की जांच में खुलासा हुआ था कि टपेंटडोल का इस्तेमाल नशे के लिए किया जा रहा है. इसके बाद औषधि विभाग की तरफ से मेडिकल स्टोर संचालकों का रिकॉर्ड खंगाला गया था. यह रिकॉर्ड असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर मंडी को भेजा गया था. वहां से ही आठ मेडिकल स्टोर संचालकों के लाइसेंस तीन दिन के लिए सस्पेंड किए गए हैं.


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ड्रग इंस्पेक्टर हमीरपुर दिनेश गौतम ने बताया कि आठ मेडिकल स्टोर संचालकों के लाइसेंस तीन दिन के लिए सस्पेंड किए गए हैं. तीन दिन के भीतर इन्हें सही रिकॉर्ड विभाग के पास जमा करवाना होगा. अगर विभाग के पास रिकॉर्ड नहीं जमा करवाया गया तो सस्पेंशन लंबी चल सकती है. इन्हें बाद में कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा. 


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