जनवरी 2025 में वार्षिक समारोह पर रोक लगाने के आदेशों के बावजूद बिलासपुर में आयोजित किया गया कार्यक्रम
Bilaspur News: उच्च शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश के निदेशक के आदेशों को बिलासपुर में ठेंगा दिखाया जा रहा. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में जनवरी 2025 में वार्षिक समारोह पर रोक लगाने के आदेशों के बावजूद बिलासपुर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय औहर में क्लस्टर लेवल वार्षिक कार्यक्रम आयोजित किया गया.
Bilaspur News: उच्च शिक्षा निदेशालय हिमाचल प्रदेश के निदेशक द्वारा 31 दिसंबर 2024 के बाद प्रदेश के सरकारी स्कूलों में वार्षिक समारोह आयोजित करवाये जाने पर रोक के बावजूद भी स्कूलों में सामरोह का आयोजन किया जा रहा है. गौरतलब है कि उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक द्वारा 8 जनवरी 2025 को अधिसूचना जारी कर प्रदेश के ग्रीष्मकालीन सरकारी स्कूलों में फाइनल परीक्षा नजदीक देखते हुए छात्रों की पढ़ाई पर किसी तरह का कोई असर ना हो इसके लिए वार्षिक समारोह पर रोक लगाई गयी थी व जिन स्कूलों में सामरोह आयोजित किये जा रहे हैं उन स्कूलों के प्रिंसिपल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने की बात कही गयी थी.
बावजूद इसके बिलासपुर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय औहर में 10 जनवरी को क्लस्टर लेवल वार्षिक समारोह आयोजित करवाया गया है, जिसमें प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी बतौर मुख्यातिथि मौजूद रहे जबकि उच्च शिक्षा विभाग बिलासपुर के उप निदेशक जोगिंदर सिंह राव भी विशेष रूप से उपस्थित रहे.
आपको बता दें, पहले 20 दिसंबर 2024 तक ग्रीष्मकालीन स्कूलों में वार्षिक समारोह आयोजित करवाने की अंतिम तिथि तय की गई थी जिसे बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया था. बावजूद इसके कुछ सरकारी स्कूलों में वार्षिक समारोह आयोजित किये जा रहे हैं, जिसमें से एक बिलासपुर जिला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय औहर भी जहां कलस्टर लेवल वार्षिक सामरोह का आयोजन किया गया है, जिसमें तकरीबन 5 सरकारी स्कूलों के छात्रों ने विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया है.
इस संबंध में जब उच्च शिक्षा विभाग के उप निदेशक जोगिंदर सिंह राव से पूछा गया तो उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि बिलासपुर जिला के सरकारी स्कूलों में पहली से बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं 6 से 20 दिसंबर तक आयोजित करवाई गई थी, जिसके चलते वार्षिक सामरोह आयोजित नहीं हो पाए थे और उसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के चलते एक सप्ताह तक राजकीय शोक घोषित होने के चलते सामरोह आयोजित नहीं हो पाया.
इसके बाद मंत्री राजेश धर्माणी द्वारा कार्यक्रम को लेकर जो तारीख दी गयी थी. उसी तारीखों पर समारोह आयोजित करवाये जा रहे है. वहीं, प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि कलस्टर लेवल पर आयोजित वार्षिक सामरोह का उद्देश्य विभिन्न स्कूलों के छात्रों में छीपी प्रतिभा को आगे लाना है. ताकि वह शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी आगे बढ़ सकें.
वहीं, उच्च शिक्षा निदेशालय के निदेशक द्वारा 31 दिसंबर 2024 के बाद ग्रीष्मकालीन सरकारी स्कूलों में वार्षिक सामरोह आयोजित पर रोक के आदेशों के बावजूद भी सामरोह का आयोजन होना और उसमें कैबिनेट मंत्री का शामिल होने पर निशाना साधते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा कि छात्रों की फाइनल परीक्षाएं सिर पर हैं और छात्र परीक्षाओं की तैयारी के बाजए वार्षिक समारोह की तैयारियों में जुटे हुए हैं.
इससे उनकी पढ़ाई पर बुरा असर देखने को मिलेगा जो कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, जिस ओर सरकार को और उनके मंत्रियों व विधायकों को देखना चाहिए. साथ ही राजेंद्र गर्ग ने कहा कि एक ओर प्रदेश सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने की बात करती है तो दूसरी तरफ अधिसूचना जारी होने के बावजूद भी सरकारी स्कूलों में वार्षिक सामरोह रुक नहीं रहे हैं, जिससे साफ हो चला है कि सरकार की कथनी और करनी में कितना फर्क है.
रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर